उनका कहना है कि ड्रोन ने दो मकानों पर चार मिसाइल दाग़े जिसमें सात लोग मारे गए.

हालांकि ये साफ़ नहीं है कि मारे जाने वाले आम शहरी थे या किसी चरमपंथी गुट के सदस्य.

पाकिस्तान में तालिबान के साथ बातचीत की पेशकश के बाद हुआ ये पहला  ड्रोन हमला है.

संप्रभुता

पाकिस्तान में ड्रोन हमलों को लेकर काफी विवाद रहा है. मुल्क इसे अपनी संप्रभुता में हस्तक्षेप बताता है जबकि अमरीका का कहना है कि चरमपंथ के खिलाफ़ जारी उसकी लड़ाई के लिए ये ज़रूरी है.

मुल्क में नवाज़ शरीफ़ की हुकूमत की बहाली के बाद वहां के दौरे पर गए अमरीकी विदेश मंत्री  जॉन केरी ने साफ़ तौर पर कहा कि ड्रोन हमले नहीं रूकेंगें.

नई हुकूमत के आने के बाद पहला ड्रोन हमला उत्तरी वज़ीरिस्तान में हुआ था जिसमें मारे जाने वालों की तादादा भी सात थी.

पाकिस्तान ने हमले के बाद अमरीकी दूतावास से नाराज़गी का इज़हार किया था और इन्हें बंद करने की मांग की थी.

पाकिस्तान में अमरीकी ड्रोन हमले पिछले कई सालों से जारी हैं. हालांकि हमलों में कई बड़े चरमपंथी नेता जैसे तहरीके पाकिस्तान तालिबान के नेता बैतु्ल्लाह महसूद, अमीर वली रहमान वग़ैरह मारे गए हैं लेकिन इसमें काफ़ी आम शहरियों की भी मौत हुई है.

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