प्रशासनिक फेरबदल होना तय
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LUCKNOW : एपीसी राज प्रताप सिंह द्वारा वीआरएस लेने और आईडीसी अनूप चंद्र पांडे के मुख्य सचिव पद पर ताजपोशी होने के बाद सूबे के वरिष्ठ नौकरशाहों की नजर अब इन दोनों पदों पर टिकी है। राज प्रताप सिंह के पास एपीसी के अलावा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा और भूतत्व एवं खनिकर्म का पद भी था जो अब दूसरे अफसरों को सौंपा जाना है। फिलहाल विवादों में घिरे इन दोनों विभागों को लेकर रस्साकशी और सिफारिशों का दौर शुरू हो चुका है। वहीं मुख्य सचिव को भी अपनी टीम तैयार करनी है लिहाजा शासन से लेकर जिलों तक बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल होना तय माना जा रहा है।
आईडीसी की कुर्सी भी खास
चर्चा है कि अनूप चंद्र पांडे के मुख्य सचिव बनने के बाद आईडीसी समेत औद्योगिक विकास विभाग के कुछ अन्य पद भी जल्द रिक्त हो जाएंगे। दरअसल राज्य रकार को जल्द ही इंवेस्टर्स समिट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करनी है जो फिलहाल अनूप चंद्र पांडे के नेतृत्व में ही होगी। इसके बाद यह जिम्मेदारियां किसी अन्य अफसर को सौंपी जा सकती हैं। ध्यान रहे कि अनूप चंद्र पांडे को मुख्य सचिव बनाने के साथ उनके वर्तमान पदों को बरकरार रखने का भी फैसला लिया था। इनमें आईडीसी, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग तथा संस्थागत वित्त विभाग एवं अध्यक्ष ग्रेटर नोएडा का पद शामिल है। माना जा रहा है कि इंवेस्टर्स समिट में खास भूमिका निभाने वाले एक वरिष्ठ आईएएस को यह जिम्मा सौंपा जा सकता है।
चुनावी मोड में सरकार
इतना ही नहीं, शासन से लेकर जिलों तक में राज्य सरकार बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल कर सकती है। खासकर उन जिलों के डीएम को हटाया जाना है जिनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं है। आईजीआरएस पोर्टल से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं माना गया है। दरअसल राज्य सरकार अब चुनावी मोड में आ चुकी है और आगामी एक साल में उसे कई मोर्चों पर अच्छा प्रदर्शन करना है ताकि जनता के बीच उपलब्धियों को लेकर चुनावी प्रचार किया जा सके।
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