कानपुर। देश में एक बार फिर लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति का मामला उठा है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे इसे लेकर 30 जनवरी से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर हैं। अन्ना हजारे का कहना है कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो इसके लिए लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार मानेंगे। खबरों की मानें तो अनशन के दौरान ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बढ़ गया है। हालांकि डाॅक्टरों की टीम लगतार उनकी देख रेख कर रही है।
केंद्र सरकार को लेकर मायूसी महसूस कर रहे
बता दें कि हाल ही में अन्ना हजारे ने ऐलान किया था कि वह केंद्र सरकार को लेकर मायूसी महसूस कर रहे है। इतना ही नहीं अन्ना हजारे का कहना था कि जब साल 2104 में मोदी सरकार सत्ता में आई थी उस समय उन्हें महसूस हुआ था कि अब सब अच्छा होगा। इसके साथ ही उन्हें उम्मीद थी कि लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग पूरी होगी। हालांकि केंद्र सरकार ने बीते 5 साल में इसके लिए कुछ नहीं किया। इसके लिए उनके पास अब आखिरी रास्ता अनशन ही है।भ्रष्टाचार से लड़ रहे अन्ना हजारे ने 53 साल पहले लड़ी थी जंग जिसमें हारा पाकिस्तान
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