लोकपाल बिल के लागू होने और विदेश में जमा काले धन को वापस लाने के लिए अन्ना हजारे ने नरेंद्र मोदी सरकार को छह महीने का समय और दिया है और कहा है कि अगर दिए गए समय में ऐसा नहीं होता तो वह केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ देंगे. अन्ना, मोदी सरकार पर काला धन के मुद्दे पर देश की जनता के साथ धोखेबाजी करने का आरोप लगा चुके हैं. थर्सडे को वह बोले कि उन्होंने लोकपाल और काला धन के मुद्दे पर एक और मूवमेंट शुरू करने की प्लानिंग की है. ये मूवमेंट कब शुरू होगा, इसके बारे में उन्होंने साफ कुछ नहीं बताया. हां, छह महीने बाद आंदोलन छेडऩे के संकेत जरूर दिए हैं. जाहिर है अगर केंद्र की मोदी सरकार छह महीने में लोकपाल बिल को लागू करने और विदेश में जमा काला धन वापस लाने में नाकाम रही तो अन्ना भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे.

हजारे ने खुलासा किया कि उन्होंने लोकपाल और लोकायुक्त मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन पत्र लिखे हैं, लेकिन इनमें केवल एक की ही पावती मिली है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के एक साल बाद भी लोकपाल बिल लागू नहीं हो सका है. इस मुद्दे पर नई सरकार अपने ही किए वादे से मुकर रही है.

 

किरण और केजरीवाल से नहीं कोई मतलब

एक समय भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रोटेस्ट में अहम साथी रहे अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के उन्हें किनारे कर देने से रिलेटेड सवाल पर हजारे ने कहा, ‘मुझे कोई चिंता नहीं हैं. वह भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जनता का मूवमेंट था. यह समय की मांग है. लोग आते-जाते रहते हैं, लेकिन जनता व मुद्दे बने रहते हैं, और आंदोलन कभी रुकता नहीं है.’

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