बारह क्लासिकल बाजियों के बाद मुकाबला 6-6 से बराबर रहा था, जिसके बाद रिजल्ट के लिए रैपिड टाईब्रेकर का सहारा लिया गया. यहां आनंद ने 2.5-1.5 से बाजी मार ली और कुल पांचवीं व 2007 के बाद लगातार चौथी बार वल्र्ड चैंपियन बने. इस जीत का मतलब है कि इंडिया का यह दिग्गज चेस प्लेयर 2014 तक वल्र्ड चैंपियन बना रहेगा.
टेंशनफुल रहा टाईब्रेकर
टाईब्रेकर मुकाबला काफी टेंशनफुल रहा, जिसने त्रेत्याकोव गैलरी में मास्को के मौसम में इंडिया की गर्मियों का अहसास करा दिया. चेस बोर्ड पर गर्मागर्म चर्चा, उतार-चढ़ाव भरी बाजियां और इससे भी अधिक चैंपियन और चैलेंजर के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला. आनंद की सक्सेस का क्रेडिट उनकी तेजी को जाता है. ज्यादातर मौकों पर देखा गया कि गेलफांड के पास अंत में सिर्फ कुछ सेकेंड बचे हैं, जबकि आनंद के पास तब भी कुछ मिनट का समय बाकी था.
Awards & achievement
-11 दिसंबर, 1969 में पैदा हुए आनंद के पिता का नाम विश्वनाथन और माता का नाम सुशीला है.
-आनंद पर उनकी मां का काफी प्रभाव है, जिन्होंने चेस के प्रति आनंद के लगाव में बड़ा रोल अदा किया और इसे प्रोफेशन के तौर पर चुनने में उनकी मदद की.
-आनंद को करियर की पहली सक्सेस 198&-84 में महज 14 साल की उम्र में मिली थी, जब उन्होंने 9 में 9 प्वॉइंट्स हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया था.
-इसके अगले साल उन्होंने इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल हासिल किया और ऐसा करने वाले वह यंगेस्ट एशियन प्लेयर बन गए.
-1985 में आनंद को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया.
-जूनियर सर्किट में तहलका मचाने के बाद आनंद ने नेक्स्ट लेवल के लिए क्वालीफाई किया और 1987 में वह इंडिया के पहले ग्र्रैंडमास्टर बन गए. उस दौरान वो दुनिया के यंगेस्ट ग्र्रैंडमास्टर थे.
-18 साल की उम्र में सरकार ने आनंद को पद्म श्री अवार्ड से नवाजा.
-90 का डिकेड आनंद के लिए बेहद सक्सेसफुल रहा. इस दौरान वो चेस के टॉप प्लेयर्स में शुमार हुए. 1990 में वह पहले इंडियन प्लेयर बने, जिन्होंने वल्र्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया.
-1991 में आनंद ने अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल चेस टूर्नामेंट जीता और तत्कालीन वल्र्ड चैंपियन गैरी कास्पारोव और फॉर्मर वल्र्ड चैंपियन एनाटोली कार्पोल से आगे रहे.
-1991-92 में आनंद को खेलों के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया.
-1997 और 98 में आनंद ने रूस की चेस मैग्जीन द्वारा दिए जाने वाले अवार्ड पर कब्जा जमाया. चेस ऑस्कर के नाम से फेमस यह अवार्ड दुनिया के बेस्ट चेस प्लेयर को दिया जाता था, जिसे चेस क्रिटिक्स, राइटर्स और जर्नलिस्ट मिलकर चुनते थे.
उन्होंने 200&, 2004, 2007 और 2008 में भी यह अवार्ड जीता.
-1996 में आनंद ने व्लादिमीर क्रेमनिक के साथ ज्वॉइंटली प्रेस्टीजियन डॉर्टमंड टूर्नामेंट जीता. इसी साल उन्होंने वल्र्ड चैंपियन गैरी कास्पारोव को स्विस रैपिड ग्र्रैंप्रि. के फाइनल में शिकस्त दी.
1998 में आनंद दुनिया के नंबर 2 चेस प्लेयर बन गए. इसके लिए इंडिया की एक रेपुटेड स्पोट्र्स मैग्जीन ने उन्हें स्पोट्र्सस्टार मिलेनियम का अवार्ड भी दिया.
-2000-02 में आनंद ने अलेक्सेई शिरोव को हराकर पहली बार फिडे वल्र्ड चेस चैंपियनशिप पर कब्जा किया.
-2007 में आनंद एक बार फिर वल्र्ड चैंपियन बने और तब से लेकर अब तक उनके इस खिताब को उसने कोई छीन नहीं सका है. इसी दौरान आनंद पहली बार दुनिया के नंबर वन प्लेयर बने.
-2008 में आनंद ने अपने टाइटल को व्लादिमीर क्रेमनिक से डिफेंड किया. यह उनका तीसरा वल्र्ड टाइटल था. इस साल उन्होंने तीन बड़े टाइटल अपने नाम किए.
2008 में वल्र्ड कप टाइटल को सक्सेसफुली डिफेंड करने वाले आनंद को सरकार ने दूसरे सबसे बड़े सिविलियन अïवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
-2010 में वह चौथी बार चैंपियन बने, जब उन्होंने वेसलिन टोपालोव को आखिरी 12 गेम्स में मात दी.
-इस साल आनंद को खिताब के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी. 12 में से एक-एक में जीत और बाकी दस मैचों में ड्रॉ के बाद उन्हें गेलफांड के साथ टाईब्रेकर में खेलना पड़ा.
Twitter पर मिली बधाई
A true Grandmaster & pride of India! Hearty congratulations to Viswanathan Anand for winning his 5th World Chess title!
-Narendra Modi
I wish you many more such successes
-Dr Manmohan Singh
Vishwanathan Anand. Hero.
-Pritish Nandy
how many people in the world play chess? and anand is number one among all of them.....now that's a great feeling.
-Harsha Bhogle
Vishwanathan Anand deserves a ticker tape parade. We have done precious little to leverage his contribution to India's Brain/Brand equity
-anand mahindra
Viswanathan Anand is another pride for India, always see's to that India stands high with his game ; Its a way of showing patriotism !
-Poonam Pandey