सरकार का कहना है कि विद्रोही अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को विमान के मलबे तक पहुँचने के लिए उन्हें 'पूरी छूट नहीं' दी जा रही है.

यूरोपीय सुरक्षा और सहयोग संगठन (ओएससीई) के एक प्रवक्ता का भी कहना है कि मलबा जहां गिरा है उसके आस-पास हथियारबंद लड़ाके खड़े हैं जिनमें से एक ने हवा में गोलियाँ भी दागीं.

ऐसा माना जा रहा है कि मलेशिया के विमान को विद्रोहियों के इलाक़े से दागी गई एक मिसाइल से मार गिराया गया था.

गुरुवार को हुए इस हादसे में विमान में सवार सभी 298 लोग मारे गए थे.

ओएससीई की स्थायी परिषद के चेयरमैन थॉमस ग्रेमिंगर ने बीबीसी से कहा कि संस्था हादसे की अंतरराष्ट्रीय जाँच के लिए काम करती रहेगी.

'यूक्रेन की भूमिका की भी जाँच हो'

विमान हादसा: 'सबूत मिटा रहे हैं विद्रोही'

मलबा स्थल के नज़दीक गेहूं के खेतों में शव तलाशते यूक्रेन के खनन कर्मी.

यूक्रेन की सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि 'आतंकवादी' 38 शवों को विद्रोहियों के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क शहर के एक शवगृह में ले गए हैं.

बयान के मुताबिक विद्रोही दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे को रूस ले जा रहे हैं.

यूक्रेन की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो रूस पर दबाव डाले ताकि अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को दुर्घटनास्थल तक जाने की अनुमति मिले.

वहीं रूस ने पलटवार करते हुए पश्चिमी जगत पर आरोप लगाया है कि वो उसके ख़िलाफ़ सूचना युद्ध छेड़े हुए है.

रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो ये बताए कि दुर्घटना के समय उसकी विमान रोधी प्रणाली क्या कर रही थी.

बदलाव

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत विताली चुरकिन ने कहा है कि इस मामले में होने वाली जांच पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए जिससे उसके नतीजे प्रभावित हों.

विमान हादसा: 'सबूत मिटा रहे हैं विद्रोही'

रूसी राजदूत का ये भी कहना था कि दुर्घटना में यूक्रेन के विमानन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.

लेकिन मलेशिया के परिवहन मंत्री लियो तियुंग लाई ने कहा है कि विमान जिस रास्ते पर गया वो स्वीकृत था और कुछ ही घंटे पहले एक दूसरा विमान उसी रास्ते से गुज़र चुका था.

हालांकि यूरोप के एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट यूरोकंट्रोल के प्रवक्ता ब्रायन फ़्लिन ने कहा कि विमानों को कुछ इलाकों से नीची उड़ानें भरने के लिए मना किया गया था.

कुछ एयरलाइंस कंपनियों ने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र से जाने वाली अपनी उड़ानों के रास्तों में कुछ हफ्तों से बदलाव कर दिया था. इनमें ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया की कंपनियां शामिल हैं. कुछ कंपनियों ने हादसे के बाद रूट बदल दिए है.

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