ऐसी ख़बरें हैं कि लंबे समय से माइक्रोसॉफ़्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे स्टीव बॉलमर की जगह कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी सत्या नडेला को लाया जा सकता है.
माइक्रोसॉफ़्ट के नए मुखिया की तलाश पिछले पाँच महीनों से की जा रही थी और कंपनी के इतिहास में इस पद पर बैठने वाले अभी तक केवल दो ही व्यक्ति हुए हैं, बिल गेट्स और स्टीव बॉलमर. सत्या नडेला भारतीय मूल के अमरीकी हैं और हैदराबाद उनका गृह शहर है. वे फ़िलहाल माइक्रोसॉफ़्ट के क्लाउड एंड इंटरप्राइज़ ग्रुप के वाइस प्रेसीडेंट हैं.
कंपनी के सीईओ पोस्ट की दौड़ में उन्हें सबसे आगे बताया जा रहा है. कारोबार क्षेत्र से जुड़ी मैगज़ीन वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कंपनी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से ये कहा गया है कि माइक्रोसॉफ़्ट के भीतर 46 वर्षीय नडेला को लेकर झुकाव देखा जा रहा है और कंपनी इस बारे में कभी भी कोई फ़ैसला कर सकती है.
बिल गेट्स
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़ माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ पद के लिए कंपनी के बाहर के उम्मीदवारों ने ऐसी किसी बदलाव की संभावना को ख़ारिज किया है. चर्चा इस बात की भी है कि माइक्रोसॉफ़्ट बोर्ड कंपनी के सहसंस्थापक बिल गेट्स को चेयरमैन पद से हटाने पर भी विचार कर रहा है. अगर ऐसा हुआ तो कंपनी के इतिहास में ये एक बड़ा फेरबदल होगा.
माना जा रहा है कि कंपनी के चेयरमैन पोस्ट के लिए माइक्रोसॉफ़्ट के स्वतंत्र निदेशक जॉन थॉम्प्सन को बिल गेट्स की जगह लाया जा सकता है. माइक्रोसॉफ़्ट में नडेला अभी तक कंपनी के कम्प्युटिंग प्लेटफॉर्म्स, डेवलपर टूल्स और क्लाउड सर्विसेज़ की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं. इस बारे में पहली रिपोर्ट गुरुवार को समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की ओर से आई.
कंपनी के सीईओ स्टीव बॉलमर ने माइक्रोसॉफ़्ट के ढाँचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे और इसी सिलसिले में नडेला को बीते साल जुलाई में कंपनी की इंटरनेट आधारित या क्लाउड कम्प्युटिंग कारोबार को चलाने का ज़िम्मा दिया गया था.
आमूलचूल बदलाव
स्टीव को कंपनी में बड़े बदलावों का श्रेय दिया जाता है.
इस नियुक्ति के बाद सत्या नडेला इंदिरा नूयी के साथ दुनिया के ताक़तवर मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में शामिल हो जाएंगे जिनका जन्म भारत में हुआ है. इंदिरा नूयी अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सीको की सीईओ हैं. साल 1967 में जन्मे सत्या की शिक्षा भारत और अमरीका में हुई है. उन्होंने अपना करियर सन माइक्रोसिस्टम से शुरू किया था.
वे साल 1992 में माइक्रोसॉफ़्ट से जुड़े और तेज़ी से सफलता की सीढ़िया चढ़ने लगे. उन्हें कंपनी की बड़ी ज़िम्मेदारियाँ दी गईं और बिंग सर्च इंजन की टीम उन्हीं के कमान में थी. निवेश फ़र्म 'मैकएडम्स राइट रैगेन' से जुड़े विश्लेषक सिद पारिख कहते हैं, "उनका चयन ज़बर्दस्त है, उन्होंने रणनीति और नतीजों के लिहाज़ से लगातार ख़ुद को साबित किया है."
"कंपनी के कुछ निवेशकों ने इस बात की वकालत की थी कि नया सीईओ किसी बाहरी व्यक्ति को बनाया जाए जोकि कंपनी में आमूलचूल बदलाव कर सके और शेयरधारकों को बड़ा मुनाफ़ा दिलाए. लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है कि नडेला वॉल स्ट्रीट में अलोकप्रिय हो जाएंगे. नया सीईओ कंपनी के शेयरधारकों की इच्छा अपने मन में रखेगा लेकिन यह तय नहीं है कि उस पर अमल भी किया जाए."
शेयरधारकों का हित
कहा जा रहा है कि अगर नडेला सीईओ बनाए जाते हैं तो मुमकिन हैं कि वॉल स्ट्रीट के ताक़तवर निवेशकों के साथ माइक्रोसॉफ़्ट के रिश्ते बरक़रार रखने की ज़िम्मेदारी थॉमसन के कंधो पर रहेगी. सीईओ की ज़िम्मेदारियों के लिहाज़ से सत्या नडेला उतने अनुभवी नहीं कहे जा सकते और स्टीव बॉलमर और बिल गेट्स ने इस पहलू को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी है.
ख़बरों के अनुसार बिल गेट्स की नई भूमिका नई तकनीक के विकास पर केंद्रित होगी. महीनों से इस बात को लेकर क़यास लगाए जा रहे थे कि निवेशकों की नज़र में माइक्रोसॉफ़्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स को बड़े बदलाव लाने और शेयरधारकों के हित में क़दम उठाने की दिशा में रुकावट के तौर पर देखा जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि नए सीईओ के चयन के साथ ही बॉलमर की योजना रिटायर हो जाने की है. उन्हें नवंबर में ही बोर्ड में फिर से चुना गया था. हालांकि अभी ये साफ़ नहीं है कि सेवानिवृत्त होने के बाद वे कितने समय तक कंपनी के साथ बने रहेंगे. हालांकि नडेला की दावेदारी पर माइक्रोसॉफ़्ट के बोर्ड ने अभी कोई औपचारिक फ़ैसला नहीं किया है. माइक्रोसॉफ़्ट ने इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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