चंद्रबाबू नायडू का फैसला राजनीति से है प्रेरित
दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। इसमें प्रदेश के विकास को तो पूरी तरह से दरकिनार सा कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा ही आंध्र प्रदेश के लोगों की जरूरतो और वहां की जनता की आवाज को उठाया है। आज भी मोदी सरकार आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनकी पार्टी लगातार तेलगु लोगों और तेलगु राज्य के हित के बारे में सोचती है। यह भी सच है कि भारतीय जनता पार्टी विकास और काम करने की राजनीति में भरोसा रखती है।
आंध्र प्रदेश का विकास सरकार के एजेंडे में ऊपर
इतना ही नहीं भाजपा अध्यक्ष ने चंद्रबाबू नायडू को लिखे पत्र में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन को उजागर करते हुए इसके लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने प्रदेश के बंटवारे में लोगों के हितों का खयाल नहीं रखा है। इसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना होगा। इसके अलावा अमित शाह ने इस बात का भी जिक्र किया है कि आज भी आंध्र प्रदेश का विकास हमारी सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है। इसका उदाहरण है कि आज भी हमारी सरकार प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान, आधारभूत संरचना समेत अनेक विकास कार्यो में विशेष सहयोग देने के लिए तत्पर रहती है।
इसलिए टूटा था टीडीपी और एनडीए का गठबंधन
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की टीडीपी की मांग पर दोनों पार्टियों का गठबंधन अलग हो गया है। टीडीपी का कहना था कि केंद्र सरकार ने 2014 में आंध्र प्रदेश के बंटवारे के समय उसे विशेष राज्य का दर्जा देने के अलावा और भी कई वादे किए थे। ऐसे में हाल ही में जब टीडीपी ने केंद्र सरकार को उसके वादे याद दिलाए तो सरकार ने उन्हें पूरा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद एनडीए गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। इतना ही नहीं लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया था। हालांकि सदन में जारी हंगामे की वजह से इस पर बहस नहीं हो पाई।
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