इराक की सरकार के अनुरोध का रखा ध्यान
अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने एक बयान में बताया कि इराक की सरकार के अनुरोध पर अमेरिकी सैन्य बलों ने हदिथा बांध की सुरक्षा कर रहे इराकी सुरक्षा बलों और सुन्नी कबायली लोगों की मदद के लिए अनबार प्रांत में आईएसआईएस के आतंकवादियों पर निशाना साधा. गौरतलब है कि बांध इराकी सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है और सुन्नी कबायली लोग उनकी मदद कर रहे हैं. बांध का नियंत्रण चले जाने या बांध में किसी तरह का विनाशकारी नुकसान होने से वहां बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. अमेरिका ने पहली बार सुन्नी अरब कबायली मिलिशिया के समर्थन में हवाई हमले छेड़े हैं.
7 बीमारों की गई जान और 22 घायल हुए
इराकी एयरफोर्स ने किरकुक में इस्लामिक स्टेट के एक ठिकाने पर हमला किया. इस हमले में एक हॉस्पिटल भी निशाना बन गया और वहां भर्ती सात बीमार लोग मारे गए, जबकि 22 घायल हो गए. मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. ये हमला हाविजा में हुआ.
लेबनान के दूसरे सैनिक की हत्या का भी दावा
लेबनान के एक सैनिक की मां ने दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने उसके सैनिक बेटे की हत्या के जो फोटो ऑनलाइन जारी किए हैं, वे वास्तविक लग रहे हैं. जैनब नून ने अपने बेटे अब्बास मेदलेज को शहीद घोषित किया है. अब्बास के मामा अबु अली नून ने भी इंटरनेट पर जारी तस्वीरों को उनके भांजे की ही बताया है. वहीं लेबनानी सेना के प्रवक्ता का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान बॉर्डर पर भी आईएस सक्रीय
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर भी अब आईएस का लोकल सेल सक्रीय हो गया है. संगठन की ओर से पेशावर और पूर्व अफगानिस्तान में पिछले हफ्ते प्रचार के पंफलेट्स भी बांटे गए थे. पश्तो और डारी भाषा में फतह के नाम से 12 पेज की बुकलेट भी पेशावर के बाहर रहने वाले अफगानिस्तान के शरणार्थियों में बांटी गई है. पेशावर में कई कारों पर आईएस के स्टिकर देखे गए हैं. वहां लोकल ग्रुप 'इस्लामी खलीफात' काफी सक्रिय है.
भारत में भी हो रहा प्रचार
भारतीय खुफिया एजेंसियां ये पता लगाने में लगी हुईं हैं कि 27 जून के आसपास श्रीनगर में कई जगह आईएस के झंडे व बैनर किसने लगाए. एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों में आईएस के झंडे लिए लोग देखे गए थे. मध्य जुलाई में आईएस ने रिक्रूटमेंट विडिओ हिंदी, तमिल और उर्दू में जारी किया था, जिसमें एक कनाडियाई मूल का आईएस आतंकी बंदूक और झंडे लिए लोगों से इस ग्रुप से जुड़ने की अपील कर रहा था.
ईरान ने लगाया आरोप
वहीं ईरान ने अमेरिका पर आईएस के प्रति लापरवाही दिखाने का आरोप लगाया है. ईरान ने अमेरिका की खिंचाई करते हुए कहा है कि अभी अमेरिका आईएस के प्रति पूरी तरह से गंभीर नहीं है, जो कि सभी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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