असामान्य गतिशीलता से यह खतरा पैदा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी विशेषज्ञों जॉर्ज परकोविक और एश्ले टेलिस ने इस बात का ऐलान किया है. एक्सपर्ट ने सुनवाई के दौरान रणनीतिक बल पर सेनेट की आर्म्ड फोर्सेज कमिटी की सब-कमिटी के मेंबरों को इस खतरे के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने पाक की ओर से भारत पर किए गए मुंबई हमले को बतौर उदाहरण पेश किया. भारत-पाकिस्तान प्रतिस्पर्धा की असामान्य गतिशीलता से यह खतरा पैदा होता है. उन्होंने कहा कि यह अमेरिका को सोचना होगा कि किस तरह से इन हालातों को टाला जा सके. इसके लिए अमेरिका को इस्लामाबाद के साथ काम करने से पहले तय करना होगा. पाकिस्तान की सरजमीं से भारत के खिलाफ बडे पैमाने पर आतंकी हमला नहीं होगा. टेलिस ने यह भी कहा कि इसमें अमेरिका का सार्थक योगदान यह होगा कि पाकिस्तान पर आतंकवाद की गतिविधियों से दूर होने के लिए दबाव बनाया जाए.
साउथ अफ्रीका को भी खतरनाक बताया
इस संबंध में स्टडीज कारनेजी एंडॉवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस. के उपाध्यक्ष परकोविक ने साउथ अफ्रीका को भी खतरनाक बताया है. उन्होंने कहा कि साउथ एशिया इसको लेकर सबसे ज्यादा आशंका वाली जगह है, जहां भविष्य में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने परकोविक ने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसी खतरे वाली स्थिति है, जहां आतंकवाद से पैदा हुए पारंपरिक संघर्ष के परमाणु युद्ध में तब्दील होने का खतरा है. यह भारत और पाकिस्तान के पॉलिसी मेकर्स के लिए चुनौती है. भारत और पाकिस्तान इस तरह के खतरे की आशंका को कमतर करके पेश करते रहे हैं, या खारिज करते रहे हैं, लेकिन हमारे खुद के इतिहास से अमेरिकी अफसरों को इन खतरों को लेकर ज्यादा सजग हो जाना चाहिए.
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