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KANPUR: आलोक नाथ द्वारा विंता नंदा पर दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में सुनवाई करते हुए आलोक नाथ की कोर्ट में गैर मौजूदगी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया। कोर्ट ने आलोक नाथ पर दुष्कर्म और यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली विंता नंदा को सोशल मीडिया का यूज करके उनके खिलाफ टिप्पणी करने को भी अलाउ कर दिया है। मी टू में नाम सामने आने के बाद आलोक और उनकी पत्नी ने विंता नंदा के खिलाफ मानहानि का केस किया था।
अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को
आलोक नाथ के मानहानि के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके वकील से कहा कि दायर किए गए मुकदमे में तकनीकी दिक्कतें हैं और इनमें जरूरी सुधार किया जाना चाहिए। आलोक के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें अदालत में हाजिर होने से छूट दी जानी चाहिए। डिफेंस के वकील ने इस पर ऑब्जेक्शन किया और कहा कि वह मेन व्यक्ति हैं और उनका हाजिर होना जरूरी है।
19 साल बाद उठा हैरेसमेंट का मामला
कोर्ट ने भी आलोक नाथ के हाजिर न रहने पर नाराजगी जाहिर की और 25 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान उनको हाजिर रहने का निर्देश दिया। राइटर, प्रोड्यूसर विंता नंदा ने बुधवार को 19 साल बाद दुष्कर्म और यौन उत्पीडऩ करने के मामले में आलोकनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके पहले आलोक उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा चुके थे।
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