लखनऊ (एएनआई) । लेवाना होटल अग्निकांड पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्वतः संज्ञान लिया। डबल बेंच में जस्टिस राकेश श्रीवास्तव और जस्टिस ब्रजराज शामिल थे। कोर्ट ने लखनऊ विकास अथॉरिटी के कुलपति इंद्रमणि त्रिपाठी को समन भेजा है। साथ ही उन्हें, सभी भवनों के पास फायर परमिट नहीं होने का बयान देने के लिए भी समन भेजा गया है। बता दें कि अदालत ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी को भी समन किया है कि वे उन सभी इमारतों की जानकारी दें, जिनमें आग बुझाने के लिए उचित उपकरण और आपातकालीन निकास नहीं हैं।
चार लोगों की हुई थी मौत
कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका (PIL) के तौर पर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश में 6 सितंबर को हुई ग्रेविटी क्लासेस में आग लगने की घटना का भी जिक्र है। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को निर्धारित की गई है। लखनऊ के हजरतगंज इलाके के होटल लेवाना में सोमवार को भीषण आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और दस घायल हो गए थे। पुलिस को अंदेशा था कि आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी है।
पीड़ितों को उपलब्ध कराया जाएगा मुफ्त इलाज
लखनऊ के सिविल अस्पताल, निदेशक आनंद ओझा ने मीडिया को बताया कि कुल चार लोगों को मृत लाया गया था। साथ ही दस घायलों को भी लाया गया था, जिनमें से नौ अभी भी भर्ती हैं, और एक को छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल सभी की हालत स्थिर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सिविल अस्पताल का दौरा किया और भर्ती लोगों से बातचीत की। उन्होंने प्रशासन और अधिकारियों को पीड़ितों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने होटल में आग की घटना के कारणों की लखनऊ पुलिस आयुक्त द्वारा संयुक्त जांच के भी आदेश दिए।
लेवाना होटल सील कर ध्वस्त करने के दिए गए आदेश
इससे पहले मंगलवार को लखनऊ पुलिस ने होटल लेवाना के मालिक और महाप्रबंधक को हिरासत में लिया था। लखनऊ पुलिस के संयुक्त आयुक्त पीयूष मोर्डिया ने मीडिया को बताया कि हमने होटल मालिकों रोहित, राहुल अग्रवाल और उनके महाप्रबंधक को हिरासत में लिया है। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को नगर प्रशासन ने भी घोषणा की थी कि लेवाना होटल को सील कर ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है।
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