ज़िले के एसएसपी अतुल सक्सेना ने बीबीसी को बताया कि इस मामले में दो और लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. इस वारदात में पुलिस को जिन पाँच लोगों की तलाश थी, उन सभी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
इनमें से तीन लोगों के ऊपर सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप है. वहीं दो पुलिसकर्मियों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने तीन अभियुक्तों की मदद की और गाँव के लोग उनसे मदद माँगने आए तो उनकी मदद नहीं की.
इंसाफ़ की उम्मीद
परिवार के लोगों को इंसाफ़ की उम्मीद है. लेकिन पुलिस और प्रशासन से उनको इंसाफ़ की उम्मीद नहीं है. वह सीबीआई जाँच की माँग कर रहे हैं.
इस गाँव में हिंसा का इतना बर्बर मामला पहले कभी सामने नहीं आया था. लेकिन इस हिंसा की जो एक वजह बनी कि बच्चियां शौच करने के लिए खेत में गईं थीं उसके बारे में कई महिलाओं से मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया कि शौचालय बनवाने की माँग वह लोगों के सामने रखती रही हैं.
अभी केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी पहले यहां से चुनकर गई हैं, लेकिन एक महिला होने के बावजूद उनके एजेंडा में यह बात नहीं थी और पुरुषों के एजेंडे में यह बात नहीं रही है कि यहाँ ग़रीब घर हैं और घरों के अंदर शौचालय बनाए जाएं.
बाहर शौच जाने वाली महिलाएं और लड़कियां क्योंकि देर रात या सुबह सवेरे ही जाती हैं तो उनकी सुरक्षा का ख़तरा बना रहता है.
'घटना पर राजनीति'
बदायूं ज़िले के कटरा गाँव में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या करने के मामले ने शु्क्रवार तक राजनीतिक रंग ले लिया. राज्य महिला आयोग, केंद्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधियों के अलावा दिनभर इस गाँव में नेताओं का आना जाना लगा रहा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट तलब की. शुक्रवार को इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया. वहीं दो पुलिस वालों को आपराधिक साज़िश रचने के आरोप में बर्ख़ास्त भी किया गया.
राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनसे ही एक विवादास्पद सवाल पूछ लिया, "आपको तो कोई ख़तरा नहीं हुआ. आपको प्रचार करना चाहिए, बताइए कानपुर में जैसा कंट्रोल रूम हमने बनाया है, वैसा बनाया है किसी राज्य ने."
लेकिन बाद में उन्होंने सफ़ाई देते हुए कहा, "कार्रवाई चल रही है. अभियुक्त पकड़े गए हैं और तुरंत, सख़्त से सख़्त कार्रवाई होगी."
वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी की नेता मायावती ने पत्रकारों से कहा, "हमारी पार्टी इस मामले की केंद्र सरकार से सीबीआई द्वारा जाँच कराने की माँग करती है, तो वहीं दूसरी तरफ़ हमारी पार्टी इस माँग को दोहराती है कि ऐसी दयनीय व भयावह स्थिति में यहाँ की जनता के हितों में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को बिना कोई देरी किए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश तुरंत ही केंद्र सरकार के पास भेज देनी चाहिए."
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