16 साल बाद अक्षय तृतीया पर चार ग्रहों का शुभ संयोग

अक्षय तृतीया पर इस बार पड़ेगा अबूझ मुहूर्त

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Meerut  : 16 साल बाद 7 मई को अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. इससे पहले साल 2003 में भी ऐसा संयोग बना था. इस दिन मांगलिक कार्य के अलावा वस्तुओं की खरीद भी शुभ रहेगी. सभी तरह के कामों के लिए अबूझ मुहूर्त और स्नान, दान की पावन तिथि वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को रोहिणी नक्षत्र रहेगा और वृष के चंद्रमा में मनाई जाएगी. ऐसे में ज्योतिषाचार्यो ने भी इस मुहूर्त को महत्वपूर्ण बताया है.

बहुत ही फलदायी योग
पं. अरुण शास्त्री ने बताया किहिंदू पंचांग गणना केअनुसार 16 साल बाद अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. ऐसा योग बेहद दुर्लभ होता है. अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रह सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहू अपनी उच्च राशि में होंगे. इसे बेहद शुभ माना गया है. इसके साथ ही कई अन्य शुभ संयोग भी इस दिन बन रहे हैं. इस बार रवि, अतिगंड योग और राज योग भी रहेंगे. जिनकी राशि से इन दिनों कोई मुहूर्त नहीं हो वे अक्षय तृतीया पर विवाह व शुभ कार्य सकते हैं. किसी भी वस्तु की खरीदारी भी शुभ रहेगी. परंपरा मुताबिक इस दिन स्नान, दान, जप, हवन करने पर इनका फल अक्षय रूप में प्राप्त होता है.

ये है खास मुहूर्त

सुबह 6:00 से 7:35 बजे

वृष लगन के जमीन जायदाद संबंधी अनुष्ठान लाभकारी होंगे

दोपहर 12.21 से 2.35 बजे

सिंह लग्न में सोना चांदी खरीदना परिवार के सम्पन्नता लाएगा

शाम को 5 से 6:30 बजे

ब्रह्मा मुहूर्त में वाहन खरीदने व दुकान खोलने जैसे कार्य के लिए लाभकारी होंगे

शाम 7.04 से रात 9.21 बजे

वाहनों के साथ ही सोना चांदी खरीदा जा सकता है.

रात 1.14 से 2.20 बजे

कुंभ लग्न रहेगा लेकिन रात्रि काल होने के कारण वह व्यवहारिक नहीं होगा

स्नान के बाद छाता वस्त्र आदि दान करना फलदायी है, इसलिए इस दिन दान पुण्य करने का काफी महत्व है. इसलिए जितना हो सके दान पुण्य करें

समीर भटनागर, ज्योति

अक्षय तृतीया छह मई की रात 3.23 से लग जाएगी. लेकिन उदया तिथि के कारण इसका मान सात मई को सुबह 5.28 मिनट सूर्योदय के साथ होगा, इस दिन अक्षय तृतीया रात 2.20 तक होगा.

पं. अरुण शास्त्री

 

अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य और शुभ कार्यो के लिए यू तो शुभ मुहूर्त देखने की जरुरत नही हैं, लेकिन लगन के हिसाब से शुभ कार्य ज्यादा फलदायी होते है.

भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषाचार्य