माल्या ने खरीद ली सस्ती हवाई यात्रा कराने वाली विमान कंपनी
2007 में शराब कारोबारी विजय माल्या ने 1200 करोड़ रुपये में एयर डेक्कन का अधिग्रहण कर लिया था। एयर डेक्कन देश में सस्ती विमान सेवा उपलब्ध कराने वाली पहली विमान कंपनी थी। विजय माल्या ने इस कंपनी का अधिग्रहण किया ताकी उनकी विमान कंपनी किंगफिशर को और ग्राहक मिल सके और वह मुनाफा कमा सके।
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माल्या की दोनों विमान कंपनियां करने लगीं आपस में होड़
लेकिन हुआ ठीक उसका उल्टा किंगफिशर के यात्री भी एयर डेक्कन की ओर जाने लगे। माल्या की दोनों विमान कंपनियों की आपस में ही होड़ लग गई। बाद में माल्या ने एयर डेक्कन का किंगफिशर में विलय कर लिया और उसे नया नाम दिया गया किंगफिशर रेड। विलय के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी और किंगफिशर के यात्री किंगफिशर रेड को प्रेफर करने लगे।
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किराया बढ़ा तो ग्राहकों ने माल्या की किंगफिशर को बोल दिया बाय
किंगफिशर के ग्राहकों का किंगफिशर रेड की ओर जाना नहीं रुका तो फैसला किया गया कि किंगफिशर रेड के किराए में बढ़ोतरी कर दी जाए। किराया बढाने पर मामला और खराब हो गया। पैसेंजर्स देश में अन्य सस्ती विमान सेवाएं देने वाली इंडिगो और स्पाइसजेट की ओर चले गए और माल्या की बर्बादी शुरू हो गई। और 2012 में किंगफिशर बंद हो गई।
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23 दिसंबर से फिर शुरू होगी एयर डेक्कन
मोदी सरकार की उड़ान योजना के तहत एयर डेक्कन 23 दिसंबर से अपनी सेवाएं शुरू करेगी। 20 दिसंबर को ट्रायल किया जाएगा। 23 को पहली उड़ान नासिक से मुंबई के लिए होगी। लकी कस्टमर्स को 1 रुपया में सफर का मौका मिलेगा। वैसे कंपनी ने 40 मिनट के इस सफर का किराया 1400 रुपये तय किया है। बाद में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और शिलांग के लिए उड़ान सेवा शुरू की जाएगी। एक घंटे के सफर के लिए 2500 रुपये किराया होगा। जनवरी तक अन्य सेवाएं बहाल होंगी और विमान दिल्ली से आगरा, शिमला, लुधियाना, पंतनगर, देहरादून और कुल्लू तक उड़ान भरेंगे।
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