डियर एवरीवन,
पहले जरा गहरी सांस लेते हैं. वह सिर्फ जोक हैं. अनफनी, बेहूदे या आप उन्हें जो भी कहना चाहें वह हैं सिर्फ जोक. एआईबी नॉकआउट वीडियो हटा दिए गए हैं. हालांकि हम यह दावा करना चाहेंगे कि उन्हें इतने लोगों ने देखा कि यूट्यूब संभाल नहीं पाया, सच्चाई जरा दुखदायी है.
फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट; यह वीडियो किसी के दबाव में नहीं हटाए गए हैं. यह सुबह 3 बजे आई किसी फोन कॉल या घर के दरवाजे के बाहर मोर्चा या कनपटी पर बंदूक की वजह से नहीं हटाए गए हैं. सिर्फ जैसे हालात हैं उसमें हम थोड़ा सा व्यावहारिक होने की कोशिश कर रहे हैं.
हमें जरा स्पष्ट करने दीजिए
लोग जो हमारे काम को फॉलो करते आए हैं जानते होंगे कि हमने हमेशा कंटेंट के साथ प्रयोग किए हैं फिर चाहे वह यूट्यूब पर हो या लाइव कॉमेडी शो, जिसका इरादा सिर्फ लोगों को हंसाना और/या सोचने पर मजबूर करना रहा है. एआईबी नॉकआउट भी ऐसी ही एक कोशिश थी कुछ नया करने या रोस्ट फॉरमेट को उस देश में लाने की जहां सेलेब्रिटीज को खुद पर हंसने के लिए नहीं ही जाना जाता. यह देखकर हम सिर्फ खुश नहीं बल्कि चकित रह गए थे कि हम ऐसे सहमत वयस्कों को साथ लाने में सफल रहे जो सहमत वयस्कों द्वारा अपना मजाक उड़ाए जाने के लिए तैयार थे वह भी सहमत वयस्कों की भीड़ के सामने. अगर हम ईमानदारी से कहें तो वह एक बेहतरीन मनोरंजक शाम थी. जोक रिपिटीटिव या बेहूदे थे इससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उनका उद्देश्य मजाक उड़ाना था. ऐसी चीजों को कह डालना जिनके बारे में किसी न किसी तरीके से लोग प्राइवेटली सोचते आए हैं.
वीडियो में स्पष्ट तौर पर एज व कंटेंट वार्निंग दी हुई थी. किसी को उन्हें देखने के लिए मजबूर नहीं किया गया और न ही हमने उसे इस धरती पर प्रसारित करने के लिए किसी टेलीविजन चैनल पर एयरटाइम खरीदा. यूट्यूब वीडियो आपके सामने जादुई तरीके से ऑटो प्ले नहीं होते. इसके बावजूद वीडियोज को 8 मिलियन व्यूज मिले. इतना ही नहीं वीडियो पेज पर उन्हें लाइक करने वालों की संख्या डिसलाइक करने वालों के मुकाबले दस पर एक थी. जी हां, दस गुना.
फॉरमेट वैसा ही था जैसा किसी इंटरनेशनल रोस्ट का होता है यानी इंसल्ट कॉमेडी, वनलाइनर जो जितना संभव हों उतना अशिष्ट होते हैं. परफार्मेंस इस बात को ध्यान में रखकर होती है कि जो कुछ भी हो रहा है उसे गंभीरता से नहीं लिया जाना है. यह बात पहले ही साफ कर दी जाती है.
नॉकआउट के जरिए हम अपने मूर्खतापूर्ण तरीके से देश में कॉमेडी को अगले लेवल पर ले जाना चाहते थे. बहरहाल हालात कुछ ऐसे हो गए कि हमारा साथ देने वाले, हमारे काम को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. यही असली समस्या है. हम गालियों, घृणा, गुस्से, रोष, अज्ञान, कट्टरता और यहां तक कि दबाव के साथ रह सकते हैं. लेकिन हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी का दिल दुखे. हमारा मतलब किसी से भी है.
उम्मीद करनी चाहिए कि अब तक यह साफ हो गया होगा कि हम किसी को चोट पहुंचाने के लिए नहीं लिखते हैं. यह हमारा लक्ष्य नहीं है और भरोसे के साथ कह सकते हैं कि कोई भी कॉमेडियन कभी भी ऐसा करता है. हम काम पर जाते समय यह नहीं कहते,
हूं…,चलो आज एक्सवाईजेड कम्यूनिटी के एक्सवाईजेड की ऐसी तैसी करते हैं. अगर हमें ऐसे ही लोगों को परेशान करना होता तो हम फोन पर क्रेडिट कार्ड बेच रहे होते.
हमारा काम अपनी उपमाओं और ऑब्जर्वेशन के लिए अखबारों, पॉप कल्चर पर हल्ला बोलना है और अगर आपको यह सब बच्चों का खेल या अनफनी लगता है तो ठीक है. हम महत्वपूर्ण तर्कों का सम्मान करते हैं, साथ ही बिना किसी बाधा के उन्हें रखने के आपके अधिकार का भी सम्मान. यह दोनों ओर से साभार सरीखा है.
पिछले कुछ दिनों से हमें लेकर विश्लेषण, जजमेंट और विचारों का सिलसिला चल रहा है. नॉकआउट से फर्क नहीं पड़ना चाहिए. किसी भी सिक्योर कल्चर में शायद ही उससे कोई फर्क पड़े.
हम किस्मतवाले हैं कि हमें चारों तरफ से समर्थन मिल रहा है. सबसे पहले, फैंस का, जो दुनिया में सबसे बेहतरीन लोग हैं, लोग जिनके पास और कुछ नहीं प्रोत्साहन, उत्साह और सकारात्मक विचार हैं. हम यह देखकर चकित रह गए कि ताकतवर लोग अतीत में हमने जिनका मजाक बनाया है, उनमें दोनों ही जिन्हें दक्षिण या वामपंथी कहकर बुलाया जाता है ने एक कदम आगे जाकर अपना समर्थन दिया है. यह जानना फैंटास्टिक था कि वह भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में वैसे खड़े हैं जैसे हम. मीडिया के साथियों ने भी कुछ भी कहने के हमारे अधिकार के प्रति समर्थन जताया. हम उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने बीते दिनों यह कहा कि न सिर्फ बतौर कॉमेडियन बल्कि इस देश के नागरिक के तौर पर हमें वह कहने का हक है जो हम कहना चाहते हैं.
इस पर बड़ी सांस्कृतिक बहस जारी है कि क्या हम जो कहा जाना चाहिए ठीक उसके आखिरी सिरे हैं. हमें यह बहस अभी करनी होगी क्योंकि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जिसे खामोशियों से चलाना बेहद जटिल है. हम अभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हमें या किसी और के भी किसी भी विषय पर कुछ भी कहने के पक्ष में खड़े हैं हम अभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हमें या किसी और के भी किसी भी विषय पर कुछ भी कहने के पक्ष में खड़े हैं. हम एक ऐसे वातावरण का हिस्सा होना चाहते हैं जहां बिना किसी भय, दबाव या चिढ़ के अपनी बात रखी जा सके.
इस सबके बीच हम अपने फैंस और हर उस शख्स का जो हमारे साथ खड़ा रहा है का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. यह इस पूरी लड़ाई को वजन देता है. हम हर उस शख्स को जो हमारे विरोध या कार्यक्रम में मौजूद सितारों के खिलाफ खड़ा है, हर कोई जिसे लगता है कि हम अपनी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, हर किसी को जो हमें भारतीय मूल्यों और सभ्यता को नष्ट करने में लगा राष्ट्रद्रोही पॉर्नोग्राफर्स बता रहा है कहना चाहते हैं कि जहां तक हमें मालूम है, हम इस बात को दोहराना चाहेंगे कि हम सिर्फ कॉमेडियंस का एक समूह हैं जिन्होंने बिना किसी दुर्भावना के अपना काम किया है और हमेशा अपना काम किया है.
हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किसी भी तरह की बहस का स्वागत करते हैं, अपने और उन लोगों के भले के लिए जो हमसे भी ज्यादा स्मार्ट और बहादुर हैं. सैकड़ों हजारों कलाकारों, कमेंटेटरों और उन नागरिकों के लिए जिनके पास हमारे जैसी सोशल प्लेटफार्म व रीच की प्रिविलेज नहीं है.
हम अथॉरिटीज के साथ भी सहयोग कर रहे हैं और जल्दी ही सेवाएं सामान्य हो जाएंगी. इसके लिए जोरदार रिजॉल्यूशन की जरूरत है जिससे कि हम बाकी के राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर ध्यान दे सकें, जैसे कि आने वाला क्रिकेट वर्ल्ड कप.
P.S. बेस्टो ऑफ लक विराट कोहली. जोक्स के लिए सॉरी.
P.P.S. यह अच्छा हुआ कि किसी ने फाइल डाउनलोड कर टॉरेंट या उसके जैसी किसी वेबसाइट पर नहीं डाल दी
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