अगस्त में खुलने के कयास
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AGRA: आध्यात्म और सुदंरता की मिसाल रचने जा रहा राधास्वामी मंदिर का निर्माण कार्य पिछले 114 वर्षो से चल रहा है। इस वर्ष अगस्त में मंदिर के निर्माण कार्य पूरा होने के कयास लगाए जा रहे है। राधास्वामी मत के संस्थापक परम पुरूष पूरन धनी स्वामी महाराज के 200वें जन्म समारोह से पहले मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। स्वामी महाराज का जन्म अगस्त माह में पड़ता है तो इसी माह में मंदिर को खुलने के कयास लगाए जा रहे है। राधास्वामी मंदिर के मुख्य गुंबद के निर्माण कार्य में पिछले सालों से सर्पोटिव रेलिंग लगाई गई है। जिसकी वजह से मंदिर की असल सुंदरता नहीं दिख पा रही है। निर्माण कार्य के खत्म होने के बाद गुंबद और पिलर में लगे सर्पोटिव रेलिंग को खोलने का कार्य शुरू किया जाएगा। सबसे पहले पिलर में लगे रेलिंग को खोला जाएगा। सबसे अंत में मुख्य गुबंद में लगी सर्पोटिव रेलिंग को खोला जाएगा। जिसके बाद से मंदिर की सुंदरता को देखा जा सकेगा।राधास्वामी मंदिर रेतीली जमीन पर खड़ा है।
मुख्य गुंबद की चल रही है फिनिशिंग
स्वामीबाग स्थित राधास्वामी मंदिर में इन दिनों मुख्य गुंबद की फिनिशिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्य गुंबद को सुंदरता प्रदान करने के लिए उसकी पॉलिशिंग के साथ ही लाइट की फिटिंग की जा रही है। 114 साल से चल रहा मंदिर में निर्माण कार्य अब अपने अंतिम स्तर पर है। एक तरफ जहां मुख्य द्वार को तैयार किया जा रहा है। वहीं मंदिर का मुख्य आकर्षण गुंबद को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुंबद के सबसे ऊपरी सिरे की फिनिशिंग का कार्य इन दिनों चल रहा है। समाध के ठीक ऊपर स्थित डबल लेयर के गुंबद के अंदर लाइट लगाई जा रही है, जिससे मंदिर की सुंदरता रात में भी निखारी जा सके। गुंबद की फिनिशिंग के साथ ही शटरिंग को भी धीरे धीरे खोला जा रहा है। इन दिनों मुख्य गुंबद के अंदर फिटिं्रग के साथ ही डेमो का कार्य भी चल रहा है। शटरिंग के खुलने के बाद मंदिर की भव्यता देखने लायक होगी।
राधास्वामी मंदिर के बुलंद द्वार पर लग रहे भव्य गुंबद
स्वामी बाग स्थित राधास्वामी मंदिर में इन दिनों निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने की कवायत तेज है। मंदिर के मुख्य गुंबद और मुख्य द्वार का निर्माण कार्य चल रहा है। मुख्य द्वार पांच द्वारों का बनाया जा रहा है। जिसमें आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो सके। इन दिनों मुख्य द्वार पर गुंबद को लगाया जा रहा है। 114 साल से निर्माणाधीन राधास्वामी मंदिर इस वर्ष बन कर पूरा हो जाएगा। करोड़ों सत्संगियों की आस्था का प्रतीक राधास्वामी मंदिर में दर्शन करने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु आते है। भंडारे के समय यह संख्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में मुख्य द्वार को भव्य और विशाल बनाया जा रहा है। पंचमुखी द्वार के ऊपरी पट पर गुंबद बनाए जा रहे है। जिससे द्वार आकर्षक लगे। स्वामीबाग के चेयरमैन संजय कपूर ने बताया कि कार्य प्रगति पर है। निर्माण कार्य से जुड़े सभी लोग सेवा भावना से मंदिर को सुंदर और भव्य बनाने में लगे हुए है।
मंदिर की सुंदरता बढ़ाएंगे 15 तरह के पत्थर
114 साल से बन रहे स्वामीबाग में स्थित राधास्वामी मंदिर की नक्काशी और खूबसूरती देखने लायक होगी। मंदिर में लगे पत्थरों को मजदूरों द्वारा हाथों से तराशा जा रहा है। खास बात यह है कि मंदिर को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए पत्थरों का चयन बेहद ही ध्यानपूर्वक किया गया है। समाध में शीतलता, सौम्य एवं शांति का वातावरण बनाए रखने के लिए रंगों के चुनाव को भी महत्वता दी गई है। स्वामी बाग स्थित राधास्वामी मंदिर को भव्यता देने के लिए मेन एंट्रेंस गेट का कार्य तेजी से चल रहा है। लाल पत्थरों से तैयार किया जा रहा मेन गेट पांच गेट का बनाया गया है। जो मंदिर को विशालकाय आकार प्रदान करेगा। वर्तमान में सिर्फ सत्संग के समय मंदिर के अंदर प्रवेश मिल रहा है। चार पहर के सत्संग के बीच निर्माण कार्य प्रगति पर है।
लाल पत्थर का है मेन गेट
न्यू आगरा से पोइया घाट जाने वाली रोड पर पडऩे वाले राधास्वामी मंदिर का मुख्य द्वार विशाल एवं भव्य बनाया जा रहा है। मंदिर पूरा सफेद पत्थरों का बना हुआ है। मुख्य द्वार से मंदिर का दृश्य और सुंदर दिख सके इसके लिए प्रवेश द्वार को पूरा लाल पत्थरों से बनाया गया हैै। लाल पत्थरों के बीच से सफेद मंदिर का दृश्य देखने लायक होगा। मंदिर के प्रवेश द्वार के निर्माण में प्रयोग होने वाले लाल पत्थरों को राजस्थान के भरतपुर जिले से मंगाया गया है। इन पत्थरों को तराशकर द्वार को भव्यता दी जा रही है। करीब एक साल से मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण कार्य चल रहा है।
पांच द्वार का है एंट्री गेट
राधास्वामी मंदिर के मुख्य एंट्रेंस गेट में पांच द्वार दिए गए है।एक मुख्य गेट के बीच में दो दाई तरफ एवं दो बायं तरफ गेट बनाए गए है। बता दे कि राधास्वामी मत से दुनिया भर के लाखों अनुयायी जुड़े है। विशाल भंडारे के समय लाखों की संख्या में सत्संगी आगरा आते है। इस को ध्यान में रखते हुए मंदिर के बीच का द्वार मुख्य द्वार रहेगा। उसके बगल के दोनों द्वार एक एंट्री एवं एक्जिट के लिए होगें। वहीं सबसे अंतिम के दोनों तरफ के द्वार वीवीआईपी एवं दिव्यांगों के लिए रहेंगे। खास बात तो यह है कि राधास्वामी मंदिर में प्रयोग होने वाले पत्थर एवं वस्तुओं को भारत के भिन्न भिन्न कोनों से मंगवाया गया है। जिससे भारत का अस्तित्व मंदिर में उभर कर आए।
देश की ही वस्तु से बना है मंदिर
मंदिर में लगा सफेद और गुलाबी रंग का संगमरमर मकराना राजस्थान से मंगवाकर लगाया गया है।
हरे रंग का संगमरमर बड़ौदा गुजरात से मंगवाया गया है।
अबरी संगमरमर नौशेरा जैसलमेर राजस्थान से मंगवाया गया है।
पाली पत्थर राजस्थान के जैसलमेर से लाकर लगाया गया है।
दारचीनी पत्थर ग्वालियर मध्य प्रदेश से लाकर लगाया गया है।
पच्चीकारी और जड़ाई के लिए कीमती पत्थर अकीक, मरगज, सिमाक, रतक, गवा, बिल्लौर, लाजवर्द, गौरी, पितोनिया, डूंगासरा, यशब बगैरा,नर्बदा आदि नदियों से और गुजरात और दक्षिण की खानों से मंगवाए गए है।
मंदिर की सुंदरता जितनी भव्य है मंदिर का इतिहास भी उतना ही रोचक है। मंदिर से जुड़ा हर तथ्य आध्यात्म से जुड़ा हुआ है। मुख्य समाध का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मेन गेट का कार्य चल रहा है। लाल पत्थरों से बने द्वार में पांच द्वार है। जो मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करेंगे।
संजय कपूर, चेयरमैन स्वामीबाग
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