आगरा (ब्यूरो)। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि डाॅ. योगिता के लापता होने पर भाई डाॅ. मोहिंदर की तहरीर पर गुमशुदगी में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं पुलिस को डौकी थाना क्षेत्र से एक बॉडी बरामद हुई जिसकी शिनाख्त डाॅ. योगिता के रूप में की गई।
डाॅ. विवेक ने कुबूल किया जूर्म
जालौन से गिरफ्तार कर आगरा लाए गए डाॅ. विवेक तिवारी ने पुलिस की पूछताछ मेें गला दाबाने के बाद नाइफ से हत्या कर अपने जुर्म को कुबूल किया है। डाॅ. विवेक ने बताया कि वह जालौन से डाॅ. योगिता गौतम से मिलने आया था। जहां लेडी लायल के सामने डाॅ. योगिता किराए पर रहती थीं।
कार में दोनों के बीच हुआ था विवाद
कार में सवार होने के बाद ही दोनों मेंं पुरानी बातों को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे डॉ. विवेक अपना आपा खो बैठे, उन्होंने कार में ही डाॅ. योगिता का गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया। सफलता नहीं मिलने पर डाॅ. विवेक ने अपनी कार में रखे नाइफ से डाॅ. योगिता पर प्रहार किया, इससे उनकी मौत हो गई। हत्या के बाद विवेक ने डौकी के निकट बमरौली कटारा में बॉडी को लकड़ियों से ढक दिया, जिससे किसी को बॉडी न मिले।
डाॅ. विवेक ने दी थी जान से मारने की धमकी
डाॅ. योगिता गौतम एसएन मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रहीं थीं। आगरा पहुंचे परजिनों ने डाॅ. विवेक पर योगिता को अपहरण कर हत्या का आरोप लगाया। डॉ योगिता दिल्ली के नजफगढ की रहने वाली हैं। डाॅ. यागिता के भाई डाॅ. मोहिंदर गौतम की तहरीर पर पुलिस ने थाना एमएमगेट मेें हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। मां आशा गौतम का कहना है कि डाॅ. विवेक तिवारी द्वारा बेटी को जान से मारने की धमकी दी गई थी। पिता अमरेश गौतम राजस्थान के उदयपुर में जवाहर नवोदय विद्यालय में डिप्टी कमिश्नर हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. संजय काला ने बताया कि डाॅ. योगिता ने पहली कोविड-19 पॉजिटिव महिला की डिलीवरी की थी।
'डॉ. योगिता के हत्या के मामले मेें साथी डॉक्टर विवेक तिवारी को अरेस्ट किया गया है, पूछताछ पर उन्होंने योगिता से सात वर्ष से संबंध होना बताया है, साथ ही हत्या की वारदात का जुर्म भी कुबूल किया है। पुलिस आगे की कार्यवाई कर रही है।'
- बबलू कुमार, एसएसपी
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