नई दिल्ली (पीटीआई)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। वहीं जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा और भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता पर सवाल उठाने के लिए सेना की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े एक कथित दस्तावेज को ट्वीट किया और चिंता जताई। आरोपों को खारिज करते हुए राजनाथ सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक अफवाह है। पहले जो (भर्ती) प्रणाली थी, उसे जारी रखा जा रहा है और इसमें कोई बदलाव नहीं है।
प्रशासनिक कारणों से ऐसा पूछा जाता है
भाजपा ने आलोचकों पर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के लिए युवाओं को उकसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि सेना की भर्ती प्रक्रिया आजादी से पहले की है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि 1947 के बाद इसे विशेष सेना आदेश द्वारा औपचारिक रूप दिया गया था और यह प्रथा वही बनी हुई है। सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक हलफनामा प्रस्तुत किया था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी। पात्रा ने कहा कि आवेदकों से प्रशासनिक कारणों से इसके बारे में पूछा जाता है।
अग्निवीर को जातिवीर बनाना होगा
इससे पहले संजय सिंह ने एक ट्वीट में कहा मोदी सरकार का सस्ता चेहरा देश के सामने आ गया है..मोदी जी, आपको 'अग्निवीर' या 'जातिवीर' बनाना होगा। उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस मुद्दे को उठाया और सेना भर्ती में जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता पर सवाल उठाया, जब इसमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। इस मामले में प्रतिध्वनित करते हुए गांधी ने सोचा कि क्या किसी की देशभक्ति अब उसकी जाति को देखकर तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को सेना के स्थापित मानदंडों को बदलकर हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करना चाहिए।
इन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है
आलोचकों पर तीखा प्रहार करते हुए पात्रा ने कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों पर अपनी राजनीति करते हुए सेना को नीचा दिखाने और उसका अपमान करने का आरोप लगाया। पात्रा ने कहा कि अगर कोई सैनिक ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है, तो उसके धर्म की जानकारी सेना को उसके अंतिम संस्कार की तैयारी में मदद करती है। पात्रा ने कहा कि विपक्षी सदस्य समय-समय पर सेना के आसपास विवाद पैदा करते हैं। पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना कभी भी आवेदकों की जाति या धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है। यह इससे ऊपर है। क्या इन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
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