कुछ सूत्रों के मुताबिक संप्रग सरकार के अंतिम कुछ माह रहते ही विवादों के घेरे में आए मनमोहन सिंह कुछ पहले से ही मौजूदा सरकार के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में थे. इस बार भी वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आए बुलावे के बाद उनसे मिलने गए. अर्थव्यवस्था को लेकर होने वाली बातचीत के इस बुलावे पर मोदी के पास पहुंचने के सिर्फ एक घंटे पहले ही सिंह बीजेपी के कुछ नेताओं और एक किताब में अपने पर लगे आरोपों पर पहली बार सबको हैरान करते हुए खुल कर ना सिर्फ बोले बल्कि उन्होंने मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को भी जम कर निशाना बनाया.
कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआइ के कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने कहा, ‘हम भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ते रहे हैं. मोदी सरकार अपनी नाकामियां छिपाने के लिए मेरी भ्रष्ट छवि बनाने की कोशिश कर रही है.’ सिंह का बयान ट्राई के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बैजल के आरोपों के बाद आया है. बैजल ने मनमोहन सिंह पर 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंसों पर सहयोग नहीं करने पर नुकसान होने की चेतावनी देने का आरोप लगाया है. बैजल ने यह भी कहा है कि सीबीआइ उनसे इस मामले में अरुण शौरी और रतन टाटा को फंसवाना चाहती थी.
ध्वस्त की जा रही कल्याणकारी राज्य की इमारत
आमतौर पर अपनी खामोशी को लेकर चर्चा में रहने वाले मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखे हमले भी किए. सिंह ने कहा कि तेज आर्थिक प्रगति के नाम पर प्रजातांत्रिक संस्थानों और कल्याणकारी राज्य की इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है. नीतिगत जड़ता के आरोप को गलत बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब संप्रग सत्ता से हटी तब भारत दुनिया में सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली दूसरी अर्थव्यवस्था थी. जबकि, मौजूदा सरकार के समय आर्थिक स्थिति ‘कमजोरी’ के दौर में है.
भाजपा का पलटवार
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