चमोली (एएनआई)। जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद अब उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में भी घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में लगभग 50 घरों में दरारें और विभिन्न मामूली भूस्खलन हुए हैं। स्थानीय नगर पालिका ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बहुगुणा नगर के कई परिवारों ने अपना घर छोड़कर दूसरे इलाकों में रह रहे अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है। कर्णप्रयाग अपर बाजार वार्ड के तीस परिवारों पर भी आपदा का खतरा मंडरा रहा है।

कुल 678 इमारतों में दरारें देखी गई
इस बीच जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली ने सोमवार को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए आपदा प्रबंधन से संबंधित बुलेटिन जारी किया। बुलेटिन के मुताबिक, जोशीमठ टाउन एरिया में कुल 678 इमारतों में दरारें देखी गई हैं. सुरक्षा के मद्देनजर कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत 213 कमरों को अस्थाई रूप से रहने योग्य चिन्हित किया गया है, जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है, इसके साथ ही जोशीमठ क्षेत्र के बाहर पीपलकोटी में 491 कमरे/हॉल चिन्हित किए गए हैं, जिनकी क्षमता 2,205 है।

प्रति परिवार 5000 रुपये की मदद
प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकता के अनुसार भोजन किट और कंबल भी वितरित किया है साथ ही आवश्यक घरेलू सामानों के लिए प्रति परिवार 5000 रुपये की दर से धनराशि का वितरण किया है। कुल 63 भोजन किट और 53 कंबल उपलब्ध कराए गए हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जोशीमठ को संभावित खतरे के आधार पर तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। ताजा घटनाक्रम के चलते प्रशासन ने शहर को तीन जोन 'डेंजर', 'बफर' और 'पूरी तरह सुरक्षित' जोन में बांट दिया है।

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