पेरिस - जहां किया गया कारों पर नियंत्रण
फ्रांस की राजधानी और दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक पेरिस शहर में भी वाहनों का प्रदूषण अपने चरम पर रहा है। इस कारण सरकार ने शहर में हफ्ते के अंत में कारों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी।यहां पहले से ही ऑड इवन फार्मूला अपनाया जा चुका है। इसके अलावा जिन दिनों में वाहन प्रदूषण बढ़ने की ज्यादा संभावना होती है उन दिनों में सरकारी और सार्वजनिक वाहनों को पब्लिक के लिए फ्री कर दिया जाता है और खास तौर पर काफी संख्या में शेयरिंग वेहिकल चलाए जाते हैं। ताकि कम से कम वाहन सड़कों पर निकले और प्रदूषण कम हो। यही नहीं शहर के तमाम इलाकों में कारों की स्पीड लिमिट को 20 किमी प्रति घंटे पर सेट कर दिया गया है और इस पर निगरानी करने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल लगाया गया। तब जाकर पेरिस शहर में प्रदूषण के स्तर पर काफी हद तक काबू पाया जा सका है।
चाइना - यहां पानी छिड़कने से लेकर है एंटी स्मॉग पुलिस
दिल्ली में तो अभी स्मॉग ने दस्तक दी है लेकिन चाइना में तो साल 2014 से ही वहां के कई शहरों में जबरदस्त धुंध छा गई थी और देश की पोल्यूशन कैपिटल कही जाने वाले बीजिंग में प्रदूषण का स्तर अपनी चरम सीमा को पार कर गया था। यहां भी स्मॉग के कारण शहर के लोग चेहरे पर मास्क लगाकर घूमते दिखाई दे रहे थे लेकिन इसके बाद सरकार ने इस प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इसके लिए शहरों में मल्टी फंक्शन डस्ट सेपरेशन ट्रक का इस्तेमाल किया गया। इस ट्रक पर एक विशाल पावरफुल वाटर कैनन लगा होता है जो काफी ऊंचाई से सड़कों और उसके आसपास पानी का छिड़काव करता है ताकि धूल और बड़े डस्ट पार्टिकल जमीन में बैठ जाएं। चाइना ने इसके अलावा एंटी स्मॉग पुलिस और वेंटिलेटर कॉरिडोर बनाने का भी निर्णय लिया था। एंटी स्मॉग पुलिस शहरों के तमाम इलाकों में अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले कारणो पर नजर रखने के साथ साथ यहां वहां कूड़ा कचरा जलाने या खतरनाक प्रोडक्ट को जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है। चाइना दुनिया का एक बड़ा प्रोडक्शन हब है इस कारण यहां पर कोयले की खपत और कोयले से होने वाला प्रदूषण भी बहुत ज्यादा है, लेकिन अब चाइना ने अपने यहां कोयले की खपत को भी कम करने के लिए काफी बड़े प्रयास किए हैं।
दो देशों में तनाव की वजह बना 'कचरे का समंदर'
जर्मनी - सार्वजनिक परिवहन सिस्टम को बनाया बेहतर
जर्मनी के एक बड़े शहर फ्रीबर्ग में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा था। उसे कम करने के लिए शहर और उसके आसपास सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को इतना बेहतर बनाने का प्रयास किया गया ताकि लोग कम से कम वाहन लेकर सड़कों पर उतरें। शहर में ट्राम के नेटवर्क को बहुत बढ़ाया गया और इसे ऐसा बनाया गया कि शहर के हर रूट से आने वाली बसें और अधिक से अधिक आबादी ट्राम सर्विस का उपयोग आसानी से कर सके। यह ट्रेन सर्विस काफी सस्ती है जिससे अधिक से अधिक लोग इसे इस्तेमाल करने के लिए मोटिवेट हुए। यही नहीं सरकार ने उन लोगों को सस्ते घर, फ्री सार्वजनिक वाहन सुविधा और साइकिलें दीं जो लोग कार नहीं रखते थे।
इस पावरबैंक से तो पूरे घर को बिजली मिल जाएगी, वो भी 12 सालों तक, कीमत उड़ा देगी होश
स्विट्जरलैंड - कारों को कम करने के लिए पार्किंग ही कम कर दी
स्विट्जरलैंड का फेमस और खूबसूरत शहर ज्यूरिख भारी संख्या में कारों के कारण प्रदूषण से बेहाल था। सरकार ने शहर में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए पार्किंग की संख्या और स्पेस ही घटा दी, ताकि लोगों को कार पार्क करने की जगह ना मिले और लोग उसे कम से कम इस्तेमाल करने की कोशिश करें। इस तरकीब का एक और फायदा यह हुआ कि लोगों को प्रदूषण से ही नहीं बल्कि शहर के ट्रैफिक जाम से भी काफी हद तक निजात मिल गई।
एक ऐसा देश जहां आप ही नहीं स्विट्जरलैंड वाले भी रहना चाहते हैं! ये हैं खूबियां...
ब्राजील - मौत की घाटी को बना दिया चमन
ब्राजील एक शहर है Cubatao। इस शहर को मौत की घाटी कहा जाता था। यहां पर प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि एसिड रेन के कारण सड़क पर चलने वाले लोगों के शरीर पर घाव और जलन हो जाती थी। सरकार ने शहर को प्रदूषण के अभिशाप से मुक्त करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया और शहर में भारी संख्या में मौजूद औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों में ऐसे फिल्टर्स लगवाएं जिससे उन से निकलने वाले धुएं में प्रदूषण का स्तर 90% तक कम हो गया। यही नहीं शहर की हवा में प्रदूषण के स्तर को नापने के लिए एक बेहतरीन मॉनिटिरिंग सिस्टम भी लगवाया। सरकार और उद्योगों द्वारा इस काम पर काफी पैसा खर्च किया गया लेकिन उसकी कीमत लोगों की जिंदगी से ज्यादा तो नहीं थी। अब इस शहर को मौत की घाटी नहीं कहा जाता।
हमारी दिल्ली और भारत के कई बड़े महानगर ऐसी ही किसी मौत की घाटी में ना बदल जाएं, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ साथ आम लोगों को भी कुछ कठिन फैसले लेने होंगे ताकि हमारा भविष्य प्रदूषण और स्मॉग के शिकंजे में घुट कर दम ना तोड़ दे।
International News inextlive from World News Desk