कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। अमेरिका में अडानी ग्रुप पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट में रिश्वत देने के आरोप लगने के बाद अब गौतम अडानी की कंपनी मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। अमेरिका के आरोपों का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। दरअसल अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी रिनीवेबल एनर्जी लिमिटेड ने पहले ही अपने 60 करोड़ डॉलर के बॉन्ड्स इश्यू को कैंसिल कर दिया था। वहीं अब केन्या सरकार ने भी अडानी ग्रुप के एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को कैंसिल कर दिया है।

केन्या के बाद श्रीलंका में भी मुश्किल है राह
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने संसद के संयुक्त अधिवेशन के दौरान अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट को कैंसिल करने की अनाउंसमेंट की। ऐसे में माना जा रहा है कि अब अडानी ग्रुप को श्रीलंका में भी रिनीवेबल प्रोजेक्ट लगाने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि अडानी ग्रुप की तरफ से ही शेयर मार्केट को इन्फॉर्म किया गया कि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने बोर्ड के मेंबर विनीत जैन के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसी के चलते कंपनी ने अमेरिकन बॉन्ड्स को कैंसिल करने का डिसीजन लिया।

अडानी ग्रुप पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
ये पहली बार नहीं है, जब अडानी ग्रुप को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले पिछले साल भी अमेरिकन कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर इररैगुलेरिटी के आरोप लगाए थे। उस टाइम भी कंपनी ने 20 हजार रुपये के बॉन्ड कैंसिल कर दिए थे। बता दें कि इस बार लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप ने जो बॉन्ड कैंसिल किए हैं, वो भी तीन गुना ओवरसब्सक्राइब्ड हो गए थे। फिर भी इन बॉन्ड्स को कैंसिल कर दिया गया। इंटरनेशनल मार्केट में लिस्टेड अडानी ग्रुप के पहले से लिस्टेड बॉन्ड्स की वैल्यू में भी कमी आने की खबरें सामने आ रही हैं। केन्या सरकार की तरफ से अडानी ग्रुप को एयरपोर्ट का कंट्रोल देने की प्रोसेस को कैंसिल करने के बाद अब एक और कंपनी ने भी इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन की डील को कैंसिल कर दिया है।

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