सही स्ट्रीम का सेलेक्शन करना चाहिए
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KANPUR : ऐसे में इस समय सभी स्टूडेंट्स अपने स्कोर कार्ड के एनालिसिस में बिजी होंगे। जहां एक तरफ उनके मन में माक्र्स को लेकर एक्साइटमेंट होगा, वहीं दूसरी तरफ अपने फ्यूचर को लेकर टेंशन। दरअसल, यह टेंशन इसलिए है क्योंकि उन्हें अलग-अलग स्ट्रीम्स की इंप्लॉयबिलिटी, स्कोप और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं है। इस टेंशन को दूर किया जा सकता है, अगर स्टूडेंट्स अपने एप्टीट्यूड, पर्सनालिटी ट्रेट्स, कोर कॉम्पीटेंसीज, स्किल्स और इंटरेस्ट पर गौर करें। एक्सपट्र्स बता रहे हैं कि कोई भी स्ट्रीम चुनने से पहले स्टूडेंट्स को किस तरह सेल्फ एनालिसिस करना चाहिए और बिना किसी प्रेशर में आए सही डिसीजन लेना चाहिए। स्टूडेंट्स को अपनी स्ट्रेंथ, वीकनेस, स्किल्स और इंटरेस्ट को आइडेंटिफाई करके ही अपने लिए सही स्ट्रीम का सेलेक्शन करना चाहिए।
करियर की दिशा में सही डिसीजन
स्ट्रीम सेलेक्शन के समय ज्यादातर स्टूडेंट्स पेरेंट्स और फ्रेंड्स के प्रेशर में डिसीजन लेते हैं, जबकि उन्हें अपनी एबिलिटीज, स्किल्स और इंटरेस्ट पर फोकस करते हुए कोई फैसला करना चाहिए। ऐसे में अब सवाल यह है कि हम यह कैसे तय करें कि कौन से सब्जेक्ट्स हमारे लिए एप्रोप्रिएट हैं? इसका सबसे अच्छा तरीका है, सेल्फ एनालिसिस। याद रखिए सेल्फ एनालिसिस का मतलब अपने माक्र्स की एनालिसिस कतई नहीं है। इसका मतलब अपनी स्ट्रेंथ, वीकनेस, इंटरेस्ट और स्किल्स के बारे में जानने से है। एक्सपट्र्स बता रहे हैं कि आप अपनी पर्सनालिटी के इन प्वॉइंट्स के बारे में कैसे जान सकते हैं और किस तरह करियर की दिशा में सही डिसीजन ले सकते हैं।
इन चार फैक्टर्स का रखें ध्यान
स्ट्रीम सेलेक्शन करने के बाद आगे जाकर आपको अपनी स्ट्रीम चेंज न करनी पड़े या फिर बेवजह स्ट्रगल न करना पड़े, इसके लिए जरूरी है कि आप कोई स्पेसिफिक स्ट्रीम ऑप्ट करने से पहले अपने स्किल सेट्स, इंटरेस्ट, गोल और पर्सनालिटी ट्रेट्स को ध्यान में रखें। अगर आप भी इस साल हाईस्कूल में अपियर हुए हैं और अभी तक कोई फाइनल डिसीजन नहीं लिया है, तो इन चार फैक्टर्स पर ध्यान जरूर दें...
स्किल सेट्स
स्किल सेट्स का मतलब उन नेचुरल प्रॉफीशिएंसीज से है, जो हर स्टूडेंट में होती हैं। जैसे- न्यूमेरिकल एबिलिटी में अच्छा होना, वर्बल रीजनिंग या मैकेनिकल रीजनिंग पर कमांड होना। स्टूडेंट्स की यह स्किल्स किसी प्रोफेशन से मैच करती हैं। अपनी स्किल सेट्स को पहचानकर सब्जेक्ट चूज करने से स्टूडेंट्स को कभी स्टडीज में स्ट्रेस या पे्रशर फील नहीं होता।
इंटरेस्ट
स्टूडेंट्स को अपने पेरेंट्स के साथ इस पर डिस्कशन जरूर करना चाहिए। अगर आप कोई ऐसा सब्जेक्ट चुनेंगे, जिसमें आपको इंटरेस्ट ही नहीं है, तो फिर उस सब्जेक्ट का स्कोप चाहे जितना ज्यादा हो, आप उसमें सक्सेसफुल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में अपने इंटरेस्ट को लेकर कभी भी कोई समझौता न करें।
पर्सनालिटी
यह सच है कि कोई स्टूडेंट अपनी चुनी हुई स्ट्रीम में सक्सेसफुली सर्वाइव कर पाएगा या नहीं, यह उसकी पर्सनालिटी ट्रेट पर भी निर्भर करता है। ऐसे में अपनी स्ट्रीम सेलेक्ट करते समय अपनी पर्सनालिटी पर गौर जरूर करें। अगर आप सब्जेक्ट्स के आगे के करियर प्रॉस्पेक्ट्स को देखेंगे, तो आपको डिसीजन लेने में आसानी होगी। बिना फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स पर ध्यान दिए डिसीजन लेने से बचें।
गोल
हर स्टूडेंट का एक गोल होता है कि वो आगे क्या बनना चाहता है। अगर आपको अभी भी कन्फ्यूजन हो, तो खुद से सवाल करें कि आप आगे जाकर क्या बनना चाहते हैं। इस सवाल का जवाब आपके सारे कन्फ्यूजन्स दूर कर देगा। जिन स्टूडेंट्स को यह क्लियर होता है कि वे क्या चाहते हैं, उन्हें कभी डिसीजन लेने में कन्यूजन नहीं होता और आगे जाकर अपनी चुनी हुई स्ट्रीम में एक्सेल करने के उनके चांसेज भी ज्यादा होते हैं।
खुद को करें अवेयर
आप जो स्ट्रीम लेना चाहते हैं, उसमें शामिल सब्जेक्ट्स के स्कोप के बारे में जानकारी हासिल करें। पता करें कि किस प्रोफेशन में कौन सी स्किल सेट्स जरूरी होती हैं। जब आप किसी करियर से रिलेटेड जरूरी स्किल्स को आइडेंटिफाई कर लें, तो फिर यह देखें कि वो क्वॉलिटीज आपमें हैं या नहीं और फिर उसी के अनुसार कोई डिसीजन लें। सही गाइडेंस के लिए आप उन लोगों से बात करें जिन्होंने उस सब्जेक्ट में पढ़ाई की है, जिन्हें आप ऑप्ट करना चाहते हैं।
मार्क्स पर भी करें गौर
फ्यूचर की प्लानिंग में हमारी पास्ट परफॉर्मेंस एक बड़ा रोल प्ले करती है। स्कूल में आपकी परफॉर्मेंस कैसी थी, इसे अच्छी तरह एनालाइज करें क्योंकि आपसे ज्यादा बेहतर यह कोई नहीं जान सकता कि आपको कौन से सब्जेक्ट्स पढऩे में इंटरेस्ट आता है और क्या पढऩा पसंद नहीं है। आप चाहें तो इसके लिए अपने पुराने रिपोर्ट काड्र्स और स्कोर्स देख सकते हैं। इससे आपको काफी हद तक अंदाजा हो जाएगा कि आपको क्या चूज करना है।
वर्कशाप्स करें अटेंड
आप वर्कशॉप्स की हेल्प भी ले सकते हैं। कई तरह के एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स वर्कशॉप्स कंडक्ट कराते हैं। इनमें स्टूडेंट्स को अलग-अलग तरह की एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने और अलग-अलग सब्जेक्ट्स को एक्सप्लोर करने का चांस मिलता है। इस तरह की फन एंड लर्न एक्टिविटीज आपको अपनी पर्सनालिटी के हिडन ट्रेट्स के बारे में जानने का मौका देती हैं और आपको अपनी स्किल्स के बारे में पता चलता है।
अपने एप्टीट्यूड को जानें
अगर स्कूल में आप आर्ट से संबंधित एक्टिविटीज में इंटरेस्टेड रहते थे, तो आपका यह एप्टीट्यूड स्पेसिफिक करियर की ओर इशारा कर रहा है। इसी तरह बहुत से स्टूडेंट्स को स्टोरी पढऩा या लिखना अच्छा लगता है। दरअसल, स्टूडेंट्स इस तरह की बातों को महज हॉबी समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन असल में उनका यह एप्टीट्यूड उस फील्ड में आगे बढऩे का सिग्नल होता है, इसे जानकर आप सही सब्जेक्ट्स चुन सकते हैं।
साइकोमेट्रिक टेस्ट्स दें
करियर असेसमेंट टेस्ट्स भी स्ट्रीम सेलेक्शन के मामले में काफी हेल्पफुल साबित हो सकते हैं। दरअसल, ऐसे टेस्ट्स स्टूडेंट्स में मौजूद अलग-अलग स्किल्स को न सिर्फ जज करते हैं, बल्कि इंडस्ट्री स्टैंडड्र्स के हिसाब से उन्हें मैप भी करते हैं। ऐसे साइकोमेट्रिक टेस्ट्स से उन्हें अपनी स्किल्स के बारे में जानने का मौका मिलता है। याद रखिए, किसी फील्ड में आपका इंटरेस्ट आपको उसकी तरफ आकर्षित जरूर करता है, लेकिन आपका एप्टीट्यूड आपको उस फील्ड में आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।
ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम में सही सब्जेक्ट्स का सेलेक्शन है जरूरी
क्लास 10 का एग्जाम देने के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स को सही स्ट्रीम चुनने में कन्फ्यूजन होता है क्योंकि अपने करियर एम्बिशन्स को लेकर या तो वे क्लियर नहीं होते, या फिर उन्हें सब्जेक्ट्स के फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स को लेकर सही जानकारी नहीं होती। ऐसे में हमारे एक्सपट्र्स स्टूडेंट्स की इन क्वेरीज के आन्सर्स दे रहे हैं। इनकी हेल्प से आप भी स्ट्रीम सेलेक्शन को लेकर अपना कन्फ्यूजन क्लियर कर सकते हैं...
मैं क्लास 10 सीबीएसई बोर्ड का स्टूडेंट हूं। मैं सोशल स्टडीज को ज्यादा इंटरेस्ट से पढ़ता हूं। मुझे साइंस सब्जेक्ट्स में भी इंटरेस्ट है, लेकिन मेरा सोशल स्टडीज सब्जेक्ट
ज्यादा मजबूत है। मुझे आगे जाकर आईएएस ऑफिसर बनना है, मेरा जीएस भी तेज है। क्या मैं 11वीं मैथ्स से पढ़ूं और उसके बाद सिविक्स और मैथ्स से आगे ग्रेजुएशन करूं? क्या मेरा डिसीजन सही है? इससे मुझे फायदा होगा कि नहीं? - नृपेंद्र कुमार मौर्य, गोरखपुर
यह अच्छी बात है कि आप आईएएस बनने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और आपको अपना लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है। जैसा कि आप जानते हैं, सिविल सर्विसेज के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। लिहाजा इंटर में आपको कौन सी स्ट्रीम चुननी है, यह डिसीजन सिर्फ इस बात को ध्यान में रखते हुए लें कि आपको कौन से सब्जेक्ट्स पढऩे में इंटरेस्ट है और आप किन सब्जेक्ट्स में अच्छे नंबर ला सकते हैं क्योंकि इंटर के माक्र्स ही आपको ग्रेजुएशन में अच्छे कॉलेज में एडमिशन दिलाएंगे और आगे का आपका भविष्य सुनहरा रहेगा। अगर आपको साइंस में इंटरेस्ट है, तो इंटर में आप पीसीएम ही लें। इससे आपके पास और भी करियर प्रॉस्पेक्ट्स खुल जाएंगे, जैसे- डिफेंस, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बैंकिंग आदि। इसके बाद आप बीएससी करें। याद रखिए, करियर के दूसरे विकल्पों पर भी साथ में ध्यान देना जरूरी है ताकि आपको बाद में कोई परेशानी न हो या फिर आपका समय व्यर्थ न जाए। इंटर के साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दें। जहां तक सोशल स्टडीज की बात है, तो आप सिविक्स या पॉलिटिकल साइंस या फिर किसी भी दूसरे सब्जेक्ट को सिविल सर्विसेज में ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर ले सकते हैं। ऑप्शनल सब्जेक्ट का गे्रजुएशन में होना जरूरी नहीं है। ऐसे में आपके पास विकल्प भी हो जाएंगे और आप सोशल स्टडीज के किसी पसंदीदा विषय को चुनकर सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर पाएंगे।
मैं इलाहाबाद के सेंट जोसेफ स्कूल में क्लास 9 का स्टूडेंट हूं। मैं इंजीनियर बनना चाहता हूं, लेकिन मुझे यह नहीं पता कि इंजीनियरिंग में कितनी ब्रांचेज होती हैं। प्लीज मुझे इसके बारे में बताएं। साथ ही यह भी बताएं कि इंजीनियरिंग के लिए मुझे कौन से सब्जेक्ट्स प्रिपेयर करने होंगे।- यश जयसवाल, इलाहाबाद
यह बहुत अच्छी बात है कि आप अपने करियर गोल को लेकर पूरी तरह क्लियर हैं। इंजीनियरिंग करने के लिए आपको क्लास 10 पास करने के बाद इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स यानी पीसीएम ग्रुप लेना होगा। यह सब्जेक्ट्स क्लास 11 में आपको तभी मिलेंगे, जब आपके माक्र्स हाईस्कूल में अच्छे होंगे। इंजीनियरिंग के लिए आपको जेईई मेन्स और एडवांस देना होगा। दरअसल, यह दोनों ही एग्जाम्स क्वॉलिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को आईआईटी में एडमिशन मिलता है। इस एग्जाम के अलावा आप वीआईटीईईई, बिटसैट, एसआरएमजेईई, यूपीटीयू जैसे एग्जाम्स देकर दूसरे इंजीनियरिंग कॉलेजेस में एडमिशन ले सकते हैं। जो स्टूडेंट्स जेईई मेन्स क्लियर कर लेते हैं, लेकिन एडवांस्ड नहीं क्वॉलिफाई कर पाते उन्हें देशभर के एनआईटी और दूसरे गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेजेस में एडमिशन मिलता है। इन एग्जाम्स को क्वॉलिफाई करने के लिए आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स अच्छी तरह पढऩे होंगे। आप इंटर के साथ इन एग्जाम्स की प्रिपरेशन कर सकते हैं। जहां तक ब्रांचेज की बात है, तो आप मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस (सीएस), केमिकल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी), सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक और एयरोनॉटिकल जैसी ब्रांचेज से इंजीनियरिंग कर सकते हैं।
मैं क्लास 10 का स्टूडेंट हूं और आईआईएससी में एडमिशन लेना चाहता हूं। साउथ इंडियन्स को टफ कॉम्पटीशन देने के लिए मुझे किस तरह प्रिपरेशन करनी होगी और कौन सी बुक्स पढऩी होंगी? - अब्दुल अजीम
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), बेंगलुरु देश के सबसे प्रतिष्ठित एकेडमिक इंस्टीट्यूशन्स में से एक है। इसे टाइम मैगजीन की एशिया के बेस्ट एकेडमिक इंस्टीट्यूशन्स की लिस्ट में भी शामिल किया जा चुका है। आईआईएससी में एडमिशन लेने के लिए आपको अच्छे माक्र्स से इंटर पास करना होगा। इसके बाद आपको किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) या आईआईटी जेईई या फिर नीट एग्जाम क्लियर करना होगा। केवीपीवाई एक तरह का एप्टीट्यूड टेस्ट है, जो भारत सरकार द्वारा कंडक्ट कराया जाता है। इसमें क्लास 11 से ग्रेजुएशन के फस्र्ट ईयर तक के स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट कर सकते हैं। एप्टीट्यूड टेस्ट क्वॉलिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है। नीट एग्जाम मेडिकल साइंस का एंट्रेंस एग्जाम है और इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी सब्जेक्ट्स पूछे जाते हैं। वहीं आईआईटी जेईई इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए कंडक्ट कराया जाता है, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स सब्जेक्ट्स पूछे जाते हैं। इनमें से किसी भी एग्जाम्स में अच्छी रैंक लाकर आप आईआईएससी के बैचलर ऑफ साइंस (रिसर्च) प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं। इस प्रोग्राम के जरिए आप बायोलॉजी, केमिस्ट्री, अर्थ एंड एनवायरमेंटल स्टडीज, मैटीरियल्स, मैथमेटिक्स, फिजिक्स जैसी डिसिप्लिन्स में पढ़ाई कर सकते हैं। आपको जिन सब्जेक्ट्स में इंटरेस्ट है या जिसमें रिसर्च करना चाहते हैं, उसके अनुरूप ही इंटर में अपने सब्जेक्ट्स सेलेक्ट करें।
मैं क्लास 10 का स्टूडेंट हूं। मुझे आईएएस बनना है। इंटर के बाद मुझे क्या करना होगा? इसकी सैलरी कितनी है और इसके लिए कितने सब्जेक्ट्स पढऩे होते हैं? - ओम सिंह, कानपुर
आईएएस बनने के लिए आपको सिविल सर्विसेज का एग्जाम देना होगा। इस एग्जाम की एलिजिबिलिटी किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन है। आप इंटर और ग्रेजुएशन में वही सब्जेक्ट्स चूज करें, जिन्हें पढऩा आपको पसंद हो। इस एग्जाम में तीन स्टेजेस होती हैं: प्रिलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू। प्रिलिम एग्जाम में दो पेपर्स होते हैं और यह कुल 400 माक्र्स का होता है। पहले पेपर में जनरल सब्जेक्ट्स (जीएस) पूछे जाते हैं। इस पेपर को सिर्फ पास करना ही काफी नहीं है, इसमें मेरिट में आना भी जरूरी है। वहीं दूसरा पेपर सीसैट का होता है, जिसमें इंग्लिश, रीजनिंग और बेसिक मैथ्स से क्वेश्चन्स पूछे जाते हैं। सीसैट क्वॉलिफाइंग नेचर का होता है। प्रिलिम्स क्वॉलिफाई करने वाले एस्पिरेंट्स मेन्स में अपियर होते हैं। मेन्स में कुल 9 पेपर होते हैं: पेपर 'ए' किसी भारतीय भाषा पर आधारित होता है। पेपर 'बी' इंग्लिश का होता है। यह दोनों क्वॉलिफाइंग नेचर के हैं। इसके अलावा आपको जीएस के 4 पेपर्स, एसे राइटिंग का 1 पेपर और ऑप्शनल सब्जेक्ट के 2 पेपर्स देने होंगे। इन 7 पेपर्स को मेरिट के लिए काउंट किया जाता है। ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर आप किसी भी सब्जेक्ट को चुन सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि वो आपने ग्रेजुएशन में पढ़ा हो। मेन्स क्वॉलिफाई करने वाले कैंडीडेट्स को इंटरव्यू देने का मौका मिलता है। जाहिर सिविल सर्विसेज का एग्जाम बेहद टफ है। इसके लिए डेली और कंटीन्यूअस प्रिपरेशन बहुत जरूरी है। इसके सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स काफी अच्छे हैं, साथ ही दूसरी सुविधाएं भी मिलती हैं। आप चाहें तो गाइडेंस के लिए कोई कोचिंग इंस्टीट्यूट
ज्वॉइन कर सकते हैं।
मैं क्लास 10 की स्टूडेंट हूं और ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम के स्कोप के बारे में जानना चाहती हूं। इस स्ट्रीम के कौन से सब्जेक्ट्स में ज्यादा स्कोप है? क्या मुझे यह स्ट्रीम चूज करनी चाहिए? नेहा शर्मा
ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम में काफी स्कोप है। हालांकि आप आगे जाकर कितनी सक्सेसफुल हो सकेंगी, यह आपके द्वारा चुने हुए सब्जेक्ट्स और करियर गोल पर डिपेंड करता है। आपने यह नहीं बताया कि आगे जाकर आप क्या करना चाहती हैं। खैर, जहां तक सब्जेक्ट्स की बात है तो आप इकोनॉमिक्स, संस्कृत, पॉलिटिकल साइंस, साइकोलॉजी या फिर इंग्लिश आदि को चूज कर सकती हैं। आप इकोनॉमिक्स लेकर पढ़ाई कर सकती हैं और फिर इंडियन इकोनॉमिक सर्विसेज एग्जाम में अपियर हो सकती हैं। लेकिन ऐसा तभी करें जब आपको इकोनॉमिक्स में इंटरेस्ट हो।
मुझे जानना है कि एस्ट्रोनॉट बनने के लिए कौन से सब्जेक्ट्स लेने चाहिए। मैं क्लास 9 का स्टूडेंट हूं। - आकाश
एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपको इंटर में पीसीएम ग्रुप लेना होगा। इसके बाद फिजिक्स और मैथ्स सब्जेक्ट से आगे की पढ़ाई करें। आप एयरोनॉटिक्स में इंजीनियरिंग भी कर सकते हैं। इंजीनियरिंग के लिए आपको आईआईटी जेईई की तैयारी करनी होगी।
मैं डिफेंस सेक्टर में जाना चाहता हूं। इसके लिए मुझे कौन-कौन से एग्जाम्स देने होंगे। इस साल मैंने हाईस्कूल का एग्जाम दिया है। इंटर में मुझे कौन से सब्जेक्ट्स लेने चाहिए कि मैं डिफेंस में अपना करियर बना सकूं? - वैभव अग्रवाल, रांची
डिफेंस में जाने के लिए आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स सब्जेक्ट्स चूज करने होंगे। फिलहाल आप इंटर में अच्छी तरह से पढ़ाई करें और साथ में एनडीए एग्जाम की तैयारी करें। एनडीए एग्जाम क्वॉलिफाई करने के बाद आप डिफेंस की अपनी मनचाही विंग यानी आर्मी, एयरफोर्स या फिर नेवी में जा सकते हैं।
इस साल मैंने क्लास १० बोड्र्स के एग्जाम दिए हैं। मैं मेडिकल में जाना चाहती हूं, लेकिन मुझे डर है कि अगर मैं नीट क्वॉलिफाई नहीं कर पाई, तो मेरे पास क्या ऑप्शन्स रहेंगे। प्लीज मुझे गाइड करें। - स्मृति आहूजा, लखनऊ
अगर आप अपने गोल को लेकर क्लियर हैं कि आप डॉक्टर बनना चाहती हैं, तो उसके लिए पीसीबी स्ट्रीम चुनें और पूरी मेहनत से नीट एग्जाम की तैयारी करें। अभी से निगेटिव न सोचें कि आप एग्जाम क्वॉलिफाई नहीं कर पाएंगी। जहां तक विकल्प की बात है, तो आप पैरा मेडिकल कोर्सेज कर सकती हैं या फिर बीएससी करने के बाद आगे रिसर्च की फील्ड में जा सकती हैं।
मैं इंटर में पीसीएमबी स्ट्रीम लेने के बारे में सोच रहा हूं। मैं जेनेटिक इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहता हूं। क्या मेरा यह डिसीजन सही है? - आशुतोष
जेनेटिक इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी की स्पेशलाइज्ड ब्रांच है। आप इंटर के बाद जेनेटिक इंजीनियरिंग में बीटेक कर सकते हैं। इसके बाद क्लिनिकल जेनेटिक्स, बिहेवियर जेनेटिक्स, क्लासिकल जेनेटिक्स, जीनॉमिक्स व मॉलीक्युलर जेनेटिक्स आदि में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। आपका डिसीजन बिल्कुल सही है। आप चाहें तो बायोटेक्नोलॉजी जैसा सब्जेक्ट भी पढ़ सकते हैं।
मैं कॉमर्स स्ट्रीम के स्कोप के बारे में जानना चाहती हूं। क्या एकाउंट्स सब्जेक्ट टफ होता है? इसमें कौन-कौन से प्रोफेशनल कोर्सेज कराए जाते हैं? - प्रीति सिंह
कॉमर्स स्ट्रीम का स्कोप आज काफी ज्यादा है। आप कॉमर्स से इंटर करने के बाद बी।कॉम या फिर बी।कॉम ऑनर्स कर सकती हैं। आप चाहें तो बी।कॉम के साथ सीए या फिर सीएस का कोर्स भी कर सकती हैं। आजकल कॉमर्स में सीएमए व सीएफओ जैसे कोर्सेज का भी काफी स्कोप है। ये वो प्रोफेशनल कोर्सेज हैं, जो आपको एमएनसीज या फिर फॉरेन कंट्रीज में जॉब करने के चांसेज दिलाते हैं। अगर आप पब्लिक सेक्टर में काम करना चाहती हैं, तो बैंकिंग इंडस्ट्री में भी अपना करियर बना सकती हैं।
मैं एग्रीकल्चर फील्ड में जाना चाहता हूं। मैं आगे रिसर्च करना चाहता हूं। इसके लिए मुझे क्या करना होगा? - सुरेंद्र कुमार
आप इंटर में पीसीबी स्ट्रीम चुनें और फिर एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करें। इसके बाद पीजी करें। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद ही रिसर्च के लिए रास्ते खुलेंगे। हायर स्टडीज के लिए आपको काफी मेहनत करनी होगी।
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