1. गाड़ी में पार्टी का झंडा :
लालबत्ती के अलावा वीआईपी वाली गाड़ी की दूसरी पहचान है, पार्टी का झंडा। बत्ती तो छिन गई लेकिन ये माननीय अपनी-अपनी गाड़ियों में शान से पार्टी का झंडा लगाएंगे। ताकि भीड़ में अलग दिखें। पिछली यूपी सरकार में आपने कुछ झंडे लगी गाड़ियों के कारनामे जरूर सुनें होंगे। खैर रौब गांठने का यह तरीका नेताओं की पहली पसंद बन जाएगा।
2. नंबर प्लेट पर पद नाम :
झंडे के बाद दूसरा नंबर आता है नंबर प्लेट का। इसमें गाड़ी नंबर के साथ-साथ प्रदेश महामंत्री, जिला मंत्री, फलाने उपाध्यक्ष या ढिकाने अध्यक्ष...ऐसा ही कुछ लिखा मिलेगा। लालबत्ती के चलने से बाहर होने से पहले ही नंबर प्लेट पर पद नाम लिखी गाड़ियां खूब देखी गई हैं। अब जब बत्ती वाला भौकाल खत्म हो जाएगा तो नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ होना शुरु हो जाएगी।
3. गाड़ी के शीशे पर विधायक जी :
गाड़ी भी अपनी, शीशा भी अपना तो नाम का रुतबा दिखाना बनता ही है। यह लॉजिक होगा उन नेताओं का है जो गाड़ी के पिछले या अगले शीशे पर बड़ा-बड़ा नाम सहित 'विधायक' या 'सांसद' लिखवा देते हैं।
4. अब चलेंगी पायलट गाड़ियां :
जब किसी मंत्री का काफिला निकलता है तो उसमें कई गाड़ियां होती हैं। मंत्री की सुरक्षा के लिए आगे पुलिस जीप चलती है। पुलिस की गाड़ी में तो बत्ती लगी ही होगी। ऐसे में नेताओं को थोड़ी बहुत वीआईपी वाली फीलिंग तो आ ही जाएगी।
5. आगे-आगे चलेंगी मोटरसाइकिल :
अक्सर आपने देखा होगा कि, कुछ बाहुबली नेता अपनी लग्जरी गाड़ी में बैठकर निकलते हैं और उनके आगे समर्थक मोटर साइकिल से चलते हैं। इस तरह का कल्चर अब फिर से उफान मारेगा।
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