पत्रकार की हत्या के विरोध में अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों ने तालिबान की ख़बरों का बहिष्कार करते हुए 15 दिन तक तालिबान की कोई ख़बर प्रसारित न करने का फ़ैसला किया है.
पत्रकार सरदार अहमद, उनकी पत्नी और दो बच्चे उन नौ लोगों में शामिल थे, जिनकी चरमपंथी हमले में मौत हुई है.
सरदार अहमद का तीसरा बच्चा घायल है और उसकी हालत गंभीर है.
इस हमले में मारे गए लोगों में चार महिलाएं, तीन पुरुष और दो बच्चे थे.
प्रसारण बंद
सेरेना होटल राष्ट्रपति भवन से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
मारे गए लोगों में भारत और पाकिस्तान के एक-एक नागरिक भी शामिल हैं. हमले में मारे गए बाक़ी लोग अफ़ग़ानिस्तान के थे.
शुक्रवार को बैठक में पत्रकारों ने फ़ैसला लिया कि तालिबान की किसी भी हिंसक गतिविधि की ख़बर नहीं दी जाएगी.
बैठक में कहा गया, "हम तालिबान से यह भी पूछते हैं कि वो मासूम बच्चों की हत्या को कैसे सही ठहरा सकते हैं."
एक बयान में पत्रकारों ने कहा, "हमारी बिरादरी ने एक बार फिर अपने एक सक्रिय सदस्य की दुखद मौत पर शोक जताया है. इस सच्चाई के बावजूद कि अफ़ग़ान पत्रकारों ने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए अपनी कवरेज में तटस्थ रहने की कोशिश की है."
काबुल में सेरेना होटल राष्ट्रपति भवन और महत्वपूर्ण मंत्रालयों से महज़ एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है, जहां यह हमला हुआ.
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