काबुल (रायटर्स)। अफगान क्रिकेट अधिकारी का कहना है, तालिबान ने कहा है कि वे अफगान पुरुषों की नेशनल क्रिकेट टीम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अफगान क्रिकेट ने हाल के वर्षों में काफी तरक्की की है। इसके अलावा वह देश की प्रमुख ट्वेंटी 20 लीग के विस्तार को भी नहीं रोकेंगे।हालांकि, तालिबान ने महिला क्रिकेट का भविष्य अभी स्पष्ट नहीं किया है। अफगानिस्तान में जारी उथल-पुथल के बावजूद, वहां के क्रिकेट बोर्ड ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय सीरीज अगले महीने श्रीलंका में होगी और कहा कि वह "शापेजा" ट्वेंटी 20 लीग प्रतियोगिता का विस्तार कर रहा है।
तालिबान को क्रिकेट से कोई समस्या नहीं
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मीडिया संचालन के प्रमुख हिकमत हसन ने कहा, "तालिबान को क्रिकेट से कोई समस्या नहीं है, और उन्होंने हमें बताया है कि हम योजना के अनुसार अपना काम जारी रख सकते हैं। हमने काबुल में अपने दो प्रशिक्षण शिविर पूरे कर लिए हैं और हमारे पास प्रायोजक, एक प्रोडक्शन टीम और यहां तक कि किट भी तैयार है।" हसन ने यह भी कहा कि टीम को अक्टूबर-नवंबर में संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले ट्वेंटी20 विश्व कप में खेलने में सक्षम होना चाहिए। हसन ने कहा, "हमें विश्वास है कि हम इसमें भाग लेने में सक्षम होंगे और आने वाले हफ्तों में इसकी तैयारी करेंगे। मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या होगी।"
अफगानिस्तान में हैं स्टार क्रिकेटर
सत्ता में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तालिबान ने अधिकांश सार्वजनिक मनोरंजन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन उन्हें क्रिकेट से कभी कोई विशेष समस्या नहीं हुई। अफगानिस्तान में सबसे पाॅपुलर खेल क्रिकेट का ही है। वहां के स्टार क्रिकेटर राशिद खान और मोहम्मद नबी जब से आईपीएल या दुनिया की अन्य क्रिकेट लीग का हिस्सा बने, उसने अफगानिस्तान में क्रिकेट को लोकप्रिय बना दिया। बोर्ड ने कहा कि अफगानिस्तान का आईपीएल का अपना घरेलू संस्करण, "शापेजा क्रिकेट लीग" जिसमें गुरुवार को दो और फ्रेंचाइजी शामिल हुईं। यह 10-25 सितंबर के बीच खेला जाएगा।
महिला क्रिकेट को लेकर संशय
हसन ने कहा, "अफगानिस्तान में मौजूदा समस्याओं को देखते हुए, यह देश को एक साथ लाने, लोगों के लिए कुछ खुशी लाने और एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करने का अवसर है।" उन्होंने कहा कि बोर्ड को उम्मीद है कि विश्व कप से ठीक पहले दुनिया के शीर्ष रेटेड ट्वेंटी 20 गेंदबाजों में से एक राशिद खान जैसे सितारे प्रतियोगिता में खेलने के लिए घर आएंगे। इस बीच अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा संचालित महिला क्रिकेट कार्यक्रमों का भविष्य, जिसमें वर्तमान में 25 अनुबंधित महिला क्रिकेटर और लड़कियों के लिए कई कार्यक्रम हैं, उसको लेकर असमंजस है। तालिबान ने कहा है कि वे इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे लेकिन उन्होंने इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है कि वे महिलाओं के खेल के साथ कैसा व्यवहार करेंगे।
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