हिम्मत से मिली काम करने की सीख
मेरे लिए मेरी फैमिली सब कुछ है। मैं इसे अपनी लाइफ में सबसे ऊपर रखती हूं। आज मैं जो कुछ भी हूं सिर्फ अपनी फैमिली के प्यार और सपोर्ट की वजह से ही हूं। मेरे पेरेंट्स मेरे हर डिसीजन को लेकर हमेशा सपोर्टिव रहे हैं। उन्होंने मुझे हर सिचुएशन का हिम्मत से सामना करने के लिए इंस्पायर किया और अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत दी। परिवार से ही मैंने सीखा कि कैसे मैं सामने आई अपॉर्च्युनिटीज को अपने फेवर में बदल सकती हूं। मैं तो यही कहूंगी कि मेरी फैमिली मेरे बैकबोन की तरह है जिसके सपोर्ट से मैं आज स्ट्रॉन्गली खड़ी हूं। लेकिन वक्त के साथ रिश्तों के मायने भी बदलते आए हैं। हम अगर अपने पेरेंट्स और ग्रांड पेरेंट्स की बात करें तो रिश्तों के मायने अलग थे पर आज ये बहुत बदल गए हैं और कल शायद और भी बदल जाएंगे। सच कहूं तो मौजूदा समय में रिलेशनशिप्स में बहुत बड़े बदलाव आए हैं। आज जो हमारा लाइफस्टाइल है, चीजों को लेकर जो नजरिया है वो हमारे पेरेंट्स और ग्रांड पेरेंट्स से एकदम अलग है। वो लोग अपने रिश्तों को निभाने और बचाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा सकते थे। शायद यही वजह है कि उनके रिश्ते सालों साल से चल रहे हैं।

पर्सनल ग्रोथ के लिए जरूरी हैं सार्थक रिश्ते : रवीना टंडन

रिश्तों और काम में जरूरी है बैलेंस
फिर आती है हमारी जेनरेशन है जो कहीं न कहीं बीच में है। यहां हमने अपने रिश्तों को भी वैल्यू दी और साथ ही करियर को भी। लेकिन इसमें गलत कुछ भी नहीं। हमें वक्त के मुताबिक चलना ही चाहिए नहीं तो हम बहुत पीछे रह जाएंगे। अब अपकमिंग जेनरेशन को ही देख लीजिए। ये तो बिल्कुल फास्ट-ट्रैक जेनरेशन है जहां रिश्तों के मायने पल-पल में बदलने वाले हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि आज यूथ अपने रिश्तों को उतना सीरियसली नहीं लेता है जितना कि मेरी जेरनेशन या उससे पहले के लोग लेते थे। आज की पीढ़ी सब कुछ इंस्टेंट चाहती है, फिर वो खाना हो या रिश्ते। मैं ये नहीं कहती कि ये गलत है लेकिन हर शख्स को अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाकर तो चलना ही चाहिए। रिश्तों को बनाने में, उन्हें समझने और निभाने में, आज की पीढ़ी के पास शायद उतना पेशेंस नहीं है और आने वाली तो और भी तेज है। एक रिश्ते से दूसरे पर कूदना, एक दूसरे को टेस्ट करना अच्छा और कंवीनिएंट लग सकता है पर पसर्नल लाइफ में इमोशनल स्टेबिलिटी होना बहुत जरूरी है, फिर वो चाहे रोमांटिक रिलेशनशिप हो, दोस्ती हो या माता- पिता के साथ हमारा रिश्ता।

पर्सनल ग्रोथ के लिए जरूरी हैं सार्थक रिश्ते : रवीना टंडन

सार्थक रिश्तों का होना बहुत जरूरी
एक इंडिविजुअल के तौर पर ग्रो करने के लिए जिंदगी में सार्थक रिश्तों का होना बहुत जरूरी है। इन रिश्तों का हमारी पर्सनालिटी और कैरेक्टर को बनाने में बहुत इंपॉर्टेंट रोल होता है। आज हम देखें तो न्यूक्लीयर फैमिलीज और डिवोर्स के केसेज में तेजी से इजाफा हो रहा है। मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए है कि सभी सिर्फ अपनी इंडिविजुल ग्रोथ और एंबीशंस पर फोकस कर रहे हैं। जो एक बॉन्ड होता है जो एक व्यक्ति को उसकी फैमिली से जोड़कर रखता है, लोग उसके बारे में भूलते जा रहे हैं। पर्सनल स्पेस की मैं रिस्पेक्ट करती हूं पर प्यार भरे रिश्ते अनमोल हैं, इन्हें सहेजना बहुत जरूरी है।

पर्सनल ग्रोथ के लिए जरूरी हैं सार्थक रिश्ते : रवीना टंडन

पैसों से रिश्तों को नहीं तौलना चाहिए
आज की तारीख में लोग पैसों और करियर को सबसे ...ज्यादा इंपॉर्टेंस दे रहे हैं पर मैं कहती हूं कि इंसान को अपने एंबीशंस में इतना भी नहीं खो जाना चाहिए कि उसकी पर्सनल लाइफ खत्म होने लगे। करियर पर फोकस करें लेकिन फैमिली को भी साथ लेकर चलें। रिश्ते बहुत खूबसूरत होते हैं और हमारे व्यक्तित्व को संवारते हैं इसलिए इन्हें कभी करियर या पैसों की आग की आग में झुलसने न दें। हमें याद रखना चाहिए कि सिर्फ आगे बढ ̧ना नहीं बल्कि बैलेंस के साथ आगे बढ ̧ना जरूरी है। ऐसा करके आपको खुद अच्छा महसूस होगा। फैमिली को हमेशा प्रायोरिटी दें नहीं तो जिंदगी के एक हिस्से में तो आप जीत हासिल कर लेंगे पर दूसरे में फेल हो जाएंगे।

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