जमीन को लेकर हुआ संघर्ष
साउथ सूडान की सीमा से लगे अल कुविक इलाके में प्रभावशाली मिस्सेरिया समुदाय की दो उप जातियों के बीच एक जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद को इसकी वजह बताया जा रहा है. दोनो ही समूह लम्बे समय से उस जमीन पर अपना कब्जा दिखा रहे थे, जिससे रविवार को मामला बिगड़ गया. मिस्सेरिया के प्रमुख मुख्तार बाबो निमिर ने बताया कि जियोद और अवलद अमरान समूहों के बीच हुए में सैकड़ो लोग मारे गए हैं. हालांकि घायलों की संख्या के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन आशंका है कि घायलों की संख्या काफी होगी.
मशीनगन्स का इस्तेमाल
कबीले के एक नेता बताया कि संघर्ष के दौरान दोनों पक्षों के लोग मशीनगन्स का इस्तेमाल कर रहे थे. संघर्ष में हिस्सा नहीं लेने वाले एक कबीलाई नेता ने बताया कि खूनी संघर्ष के तीन-चार दिन बाद तक वहां सेना नहीं पहुंची है. जिससे स्िथति और बिगड़ गई है. गौरतलब है कि कोर्दोफन में रहने वाले मिसेरिया कबीलाई मूलतः अरब जनजाति के लोग हैं. सूडान सरकार ने मिसेरिया और अन्य समूहों को देश में चली 22 साल लंबे गृह युद्ध के दौरान हथियार दिए थे. 2005 में यहां गृहयुद्ध खत्म हो गया, लेकिन जनजाति के लोगों के पास हथियार अब भी हैं और जिनका इस्तेमाल वे लोग खुलेआम कर रहे हैं.
Hindi News from World News Desk
International News inextlive from World News Desk