नई दिल्ली (आईएएनएस)। AAP MLA Amanatullah Khan: आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने सोमवार को सुबह-सुबह दिल्ली के ओखला स्थित उनके घर पर की गई छापेमारी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि "समय 7 बजे है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी मुझे गिरफ्तार करने के लिए सर्च वारंट के बहाने मेरे घर आए हैं..." उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी उन्हें "परेशान" कर रही है। "पिछले दो सालों से वे मुझे झूठे मामलों में फंसाकर परेशान कर रहे हैं, जिससे लगभग हर दिन मेरे और मेरी पूरी पार्टी के लिए कुछ न कुछ परेशानी खड़ी हो रही है। मुख्यमंत्री जेल में हैं, सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में हैं और अब वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं। उनका एकमात्र मकसद हमें और हमारी पार्टी को तोड़ना है।"वहीं सूत्रों ने बताया कि छापेमारी दिल्ली वक्फ बोर्ड के लिए कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े आप विधायक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा बताई जा रही है। छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।


सिसोदिया बोले ईडी के पास बस यही काम बचा
अमानतुल्ला खान की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा और ईडी पर हमला बोला। मनीष सिसोदिया ने कहा, "ईडी के पास बस यही काम बचा है। भाजपा के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाना। इसे तोड़ो। जो नहीं टूटते या आत्मसमर्पण नहीं करते उन्हें गिरफ्तार करो और जेल में डालो।" आप सांसद संजय सिंह ने ईडी की "निर्दयी" होने की आलोचना की। "ईडी की क्रूरता देखिए। अमानतुल्लाह खान ने पहले ईडी की जांच में हिस्सा लिया और अपनी सास के कैंसर और हाल ही में हुई सर्जरी के कारण और समय मांगा। इसके बावजूद उन्होंने सुबह-सुबह उनके घर पर छापा मारा। अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, लेकिन मोदी की तानाशाही और ईडी की गुंडागर्दी दोनों जारी हैं।"


अप्रैल में अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था
इस मामले में ईडी ने अप्रैल में अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसने उन्हें 15,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर जमानत दे दी थी। ईडी ने उनके खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित जांच में एजेंसी के सामने पेश न होने और भाग न लेने के लिए शिकायत दर्ज की थी। शिकायतों के अनुसार, खान ने कथित तौर पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध कर्मचारियों की भर्ती के जरिए बड़ी मात्रा में नकदी हासिल की और इस पैसे का इस्तेमाल अपने सहयोगियों के नाम पर संपत्ति खरीदने में किया।

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