मुंबई (पीटीआई)। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को मुंबई नागरिक निकाय के कदम उठाने का समर्थन किया और वानखेड़े स्टेडियम के कुछ हिस्से को COVID-19 महामारी का सामना करने के लिए क्वॉरंटीन सेंटर में कंवर्ट करने को सही माना। इतना ही नहीं उन्होंने सुझाव दिया कि मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में भी ऐसी ही सुविधा दी जा सकती है।
आदित्य धाकरे को नहीं लगा सही
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने राउत के सुझाव का विरोध करते हुए कहा कि स्टेडियमों के मैदान की जमीन मिट्टी की है और मानसून में वे इस्तेमाल करने लायक नहीं होंगे। दरसल बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने शुक्रवार को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) को निर्देश दिया था कि दक्षिण मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम का कुछ परिसर नोवल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए नागरिक निकाय को सौंप दिया जाए। राउत ने इसी बात का समर्थन किया था।
ट्वीट करके जताई सहमति
All resources need to be utilized in Mumbai to fight against #Covid_19india.good call on taking up wankhede stadium to develop a quarantine facility..suggestion to @OfficeofUT - why not take over Brabourne stadium as well?It has much needed facilities @PawarSpeaks @AUThackeray
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 17, 2020
बीएमसी के इस कदम का स्वागत करते हुए राउत ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा कि, मुंबई में सभी संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता है। ऐसे में वानखेड़े स्टेडियम को क्वॉरंटीन सेंटर के तौर पर लेने का फैसला अच्छी कॉल है। इतना ही नहीं उन्होने आगे लिखा कि क्यों ना ब्रेबोर्न स्टेडियम को भी ऐसे काम के लिए इस्तेमाल में ले लिया जाए। राउत ने इस ट्वीट में आदित्य और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार को भी टैग किया।
Sanjay ji, we can&यt take the grounds of the stadiums or playgrounds because they have a mud base and they won&यt be usable during monsoons. An open space with a solid/ concrete base is usable and it&यs being done already.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) May 17, 2020
ट्विटर पर ही दिया जवाब
इसके बाद राउत के सुझाव को ठुकराते हुए आदित्य ने भी ट्विटर का सहारा लिया और अपना जवाब दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने ट्वीट में लिखा, &&संजय जी, हम स्टेडियमों या खेल के मैदानों को नहीं ले सकते क्योंकि उनकी जमीन मिट्टी की होती है और वे मानसून में इस्तेमाल करने योग्य नहीं होती। ठोस कंकरीट की जमीन वाला खुला स्थान ही इस्तेमाल के लायक रहता है।&य&य उन्होंने आगे लिखा कि, &&अगर मानसून आने वाला नहीं होता, तो ये सुझाव बहुत उपयोगी होते।&य&य
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