मुंबई (एएनआई)। महाराष्ट्र के मंत्री व शिवसेना की यूथ विंग के नेता आदित्य ठाकरे ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा सितंबर महीने में आयोजित करने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फैसले के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार नहीं किया है। देश भर में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं थी। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक आदित्य ठाकरे का कहना है कि कोरोना वायरस से पूरा देश बेहाल है। यह एक राष्ट्रीय आपदा है। इसलिए इस साल अंतिम वर्ष की परीक्षाएं स्थगित कर देनी चाहिए।
कई यूनिवर्सिटीज ने परीक्षा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी
6 जुलाई को यूजीसी ने टर्मिनल सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के संचालन के लिए देश भर के शैक्षणिक संस्थानों को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे। यूजीसी के इस निर्देश के तहत सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित होनी है। स्टूडेंट और शिक्षकाें के विरोध के बाद भी कई यूनिवर्सिटीज ने परीक्षा प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। देश में कुल 755 विश्वविद्यालयों ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को एग्जाम स्टेटस के बारे में सूचित किया।
कुछ विश्वविद्यालय अगस्त-सितंबर के लिए प्लानिंग कर रहे
इनमें से कुछ अंतिम वर्ष की परीक्षा पहले ही करा चुके हैं और वहीं कुछ अगस्त-सितंबर के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। गाइड लाइन के अनुसार विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अपने हिसाब से ऑनलाइन, ऑफलाइन या ब्लेंडेड मोड में आयोजित कर सकते हैं। इसमें 194 पहले ही अपनी परीक्षा करा चुके हैं औ 366 विश्वविद्यालय अगस्त या सितंबर में परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। 27 नए विश्वविद्यालयों ने कहा उनके यहां कोई स्टूडेंट अंतिम वर्ष का नहीं है।
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