आरबीआई गवर्नर को भेजा साक्ष्य
बत्रा ने ई-मेल के जरिए गवर्नर उर्जित पटेल को संबंधित साक्ष्य भी भेजे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नोएडा सेक्टर-52 स्थित शाखा ने उनके बैंक खाते को आधार से लिंक करने के लिए पत्र भेजा। उस पत्र में बत्रा के पते के रूप में खाता धारक का नाम, पता, मोबाइल नंबर तो लिखा ही है, साथ ही अकाउंट नंबर भी लिखकर भेजा गया है। यहीं नहीं पत्र के अंदर खुद से सत्यापित कागजों को ई-मेल पर अटैच कर भेजने का सुझाव ग्राहकों को दिया गया है।
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हर जानकारी पहले से थी मौजूद
यह जानकारी ईमेल पर पासवर्ड प्रोटेक्शन फाइल के जरिए मांगी जानी चहिए थी, लेकिन इसमें दस्तावेजों को स्कैन कर सीधे मेल में अटैच कर मांगा गया है। वहीं हैदराबाद एसबीआइ के कैश मैनेजमेंट प्रोडक्ट सेंटर ने जो आयकर रिफंड का पत्र भेजा है, उस पत्र के लिफाफे पर पते के साथ-साथ उपभोक्ता का पैन नंबर तक अंकित कर दिया गया है। बत्रा ने आरबीआइ गवर्नर से आग्रह किया है कि वह बैंकों को आयकर विभाग की भांति पासवर्ड प्रोटेक्टिव फाइल भेजने का आदेश जारी करें।
आधार लिंक करने के लिए नहीं जाना होगा बैंक
सामने आई लापरवाही
आरबीआइ गवर्नर ने दो जून 2016 को सभी बैंक को साइबर सिक्योरिटी फेमवर्क इन बैंक नामक सर्कुलर जारी किया था। लेकिन बत्रा के मामले से पता चलता है कि सेक्टर-52 स्थित एसबीआइ ब्रांच ने 16 माह में भी सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया।
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क्या है खतरा
मोबाइल नंबर के साथ बैंक अकाउंट नंबर मिल जाने पर एटीएम कार्ड की एक्सपाइरी बैंक से प्राप्त की जा सकती है। डॉ त्रिवेणी सिंह, एएसपी एसटीएफ, लखनऊ के मुताबिक, ऐसी दशा में साइबर अपराधी सिम बदल कर यूपीआइ (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) डाउन लोड करते हैं और खाते का पैसा इधर से उधर करने में सफल हो जाते हैं। पिछले दिनों इस प्रकार के पांच-छह मामले सामने आए हैं। जिसमें 45 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी पकड़ी गई है।
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Report by : कुंदन तिवारी, नोएडा
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