अंग प्रत्योरोपण में प्रतिरोधक क्षमता की दवा से बनेगा गर्भनिरोधक
अंग प्रत्यारोपण कराने वालों को खतरे से बचाने के लिए दी जाने वाली दो दवाओं से मर्दों के लिए गर्भ निरोधक गोली बनाई जा सकती है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मर्दों के स्पर्म में मौजूद जिन अंडों से गर्भ ठहरता है उसे निष्क्रिय किया जा सकता है। प्रत्यारोपण कराने वालों को साक्लोस्पोरिन (सीएसए) और एफके506 (टैक्रोलिमस) नाम की दवाएं दी जाती हैं। रोगी का नया अंग जिन खतरों का सहन करने में असमर्थ होता है, उनसे बचाने के लिए ही दोनों दवाएं दी जाती हैं। कैल्सिनेयूरिन नामक एन्जाइम द्वारा दोनों दवाएं खतरे से बचाती हैं।
चूहों पर किए अध्ययन से बंधी है उम्मीद
ओसाका विश्वविद्यालय के एक संस्थान में रिसर्च करने वाले हारुहिको मियाता की अगुआई वाले दल ने चूहों पर अध्ययन किया। रिसर्च में कैल्सिनेयूरिन के एक वर्जन (रूप) की पहचान की गई। यह वर्जन केवल स्पर्म में ही पाया जाता है। पहचान में आया विशेष वर्जन प्रोटीन के एक जोड़े से युक्त मिला। प्रोटीन के जोड़े को पीपीपी3सीसी और पीपीपी3आर2 कहा जाता है। रिसर्च करने वालों ने चूहों का विकास किया। चूहों को अनुवांशिक रूप से पीपीपी3सीसी की उत्पत्ति करने में अक्षम बनाया गया। इन चूहों को नॉकआउट पशु नाम दिया गया। पाया गया कि नॉकआउट चूहों से संपर्क करने पर चुहिया गर्भवती नहीं हुई। इसके बाद नॉकआउट चूहों के स्पर्म का प्रयोग इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) में किया गया। इसका परिणाम भी नकारात्मक ही मिला। इसी सफलता के बाद मर्दों के लिए गर्भ निरोधक गोली की संभावना बढ़ी है।
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