आपके रोजमर्रा के जीवन में ही नहीं बेडरूम तक में दखल बना चुका स्मार्ट फोन आपके रिश्तों के लिए चुनौती बनने लगा है. हो सकता है कल आपका पार्टनर आपसे पूछे की उसमें और अपने फोन में से आप किसको चुनना चाहेंगे.
ऐसा ही अहसास पेरेंटस को अपने बच्चों के साथ भी हो सकता है कि डाइनिंग टेबल से लेकर आउटिंग पर जाते समय तक भले ही वो फिजिकली आपके साथ हों लेकिन असल में तो उनका पूरा कंसंट्रेशन अपने फोन पर है. वो हंसी मजाक और शेयरिंग कहीं खो चुके हैं.
बात हंसी में उड़ाने वाली नहीं है. एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि करीब 60 फीसदी विवाहित लोगों ने कहा है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल उनके रिलेशन में घुसपैठिए का काम कर रहा है. लोग चैटिंग, सर्फिंग और मेलिंग में इतने व्यस्त हैं कि सामने बैठे साथी के लिए वक्त ही निकाल पा रहे, जिससे एक संवादहीनता की स्थिति बनती जा रही है.
ऐसा ही कुछ बाकी रिलेशन में भी हो रहा है. कई पेरेंटस का मानना है कि स्मार्टफोन के इस्तेमाल की लत उनके बच्चों के साथ संबंधों और यहां तक कि उनकी पर्सनल हेल्थ तक में प्राब्लम डालने की वजह बन रहा है.
एक और रिर्पोट के अनुसार एक सर्वे में करीब 43 फीसदी लोगों ने यह माना कि परिवार के साथ होने या पार्टनर से बातचीत के दौरान भी वे अपने मोबाइल फोन में बिजी रहते हैं और सामने वाला इग्नोर फील करता है जिससे रिश्तों में तनाव पैदा हो रहा है.
कई लोगों ने माना कि वे सोते समय भी फोन साथ लेकर सोते हैं और बत्तीबंद होने के बाद भी बिस्तर पर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. जाहिर है कि ऐसे में आप का प्यार फोन के साथ भले ही गहरा होता है पर लाइफ पार्टनर के साथ लगातार घटने लगता है.
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