सामूहिक योगदान वाली इस परियोजना की शुरुआत एक ट्वीट से हुई, जिसमें लोगों से इसमें सहयोग करने की अपील की गई थी. इसकी ख़ासियत यह है कि पहिए छोड़कर सब लेगो ब्रिक से बना हुआ है. हवा से चलने वाले चार इंजन और 256 पिस्टन कार को शक्ति प्रदान करते हैं.
इस कार के सह निर्माता स्टीव समारटिनो ने बीबीसी को बताया कि वो न तो कभी कार प्रेमी रहे हैं और न ही लेगो ब्रिक में दिलचस्पी रही है. उन्होंने बताया, ''मेरी दिलचस्पी का क्षेत्र तकनीक रहा है. मैं यह दिखाना चाहता था कि सामूहिक योगदान और प्रतिभावान युवा लोगों से क्या कुछ संभव हो सकता है.''
''इस उत्साही रोमानियाई युवा से मेरी भेंट इंटरनेट पर हुई और वहीं से यह विचार आया लेकिन मैं जानता था कि इसका खर्च अकेले वहन करना मुश्किल है.''
देर रात उन्होंने ट्वीट किया, जिसका मजमून थाः कोई है जो 500 से 1,000 डॉलर लागत के एक प्रोजेक्ट में निवेश कर सकता है, जो बेहद अद्भुत और दुनिया का पहला प्रोजेक्ट होगा. कम से कम 20 सहयोगी चाहिए.
समस्या
लेगो ब्रिक से बना इसका इंजन हवा से चलता है. 40 ऑस्ट्रेलियाई नकद देने के लिए आगे आए और इस तरह 'ऑसम माइक्रो प्रोजेक्ट' का जन्म हुआ. समार्टिनों ने बताया कि इसमें कुल 18 महीने लगे और बहुत ज्यादा धन लगा.
कार का निर्माण रोमानिया में उनके और व्यावसायिक हिस्सेदार राउल ओएदा द्वारा किया गया. इसे बाद में ऑस्ट्रेलिया लाया गया जहां इसके कई हिस्से बदले गए. उन्होंने बीबीसी को बताया, ''मेलबर्न के उपनगरीय इलाके में हमने इस कार पर सवारी की. इसका इंजन काफी नाज़ुक है और राहगीरों के लिए काफ़ी शोर भरा है.''
फ़िलहाल इस परियोजना के विस्तार की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, ''चार सप्ताह तक मैंने लेगो ब्रिक के साथ पूरा समय बिताया है. यहां तक कि मेरी अंगुलियों के पोर अभी भी दर्द कर रहे हैं. मैं इसी वक्त दूसरी कार नहीं बनाने जा रहा.''
''हालांकि यह कार बहुत आरामदेह नहीं दिखती इसीलिए मैं इसे दूर तक चलाकर ले जाना नहीं चाहता. लेगो ब्रिक से भारी शोर पैदा होता है और इसमें सुधार की जरूरत है.''
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