पसंद आधारित कम्युनिटी का नाम हेलो
नई दिल्ली (प्रेट्र)। हेलो को ऑर्कुट बनाने वाले ऑर्कुट बुयुकॉक्टेन ने बनाया है। एक समय में भारत और ब्राजील में ऑर्कुट प्रमुख सोशल नेटवर्किंग साइट था। लेकिन फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे-जैसे पॉपुलर होते गए वैसे-वैसे उसकी चमक खोती चली गई और अंतत: 2014 में ऑर्कुट को बंद कर दिया गया। बुयुकॉक्टेन ने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया लोगों को नजदीक लाने की बजाए उन्हें अलग करके एकांतवास की ओर भेज रहा है। ये प्लेटफार्म शेयरिंग की बजाए अब प्रसारण का जरिया बन गए हैं। हमें एक नये शुरुआत की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हेलो को पसंद आधारित कम्युनिटी के तौर पर बनाया गया है। यहां एक तरह की पसंद वाले लोग अपनी-अपनी कम्युनिटी में जुड़ सकते हैं और सही मायनों के एक दूसरे से संपर्क करेंगे।
हेलो का उद्देश्य वास्तविक मेलजोल से
बुयुकॉक्टेन ने कहा कि हेलो का उद्देश्य ऐसे सामाजिक मेलजोल को बढ़ाना है जो सकारात्मक हो, वह अर्थपूर्ण हो और वास्तविक हो। ब्राजील में हमने जुलाई 2016 में शुरू किया था। भारत में हम 35 हजार यूजर्स के साथ बीटा वर्जन के रूप में शुरू करने जा रहे हैं। बुयुकॉक्टेन ने कहा कि वे भारत को एक बार फिर से हेलो कहने में अपार हर्ष का अनुभव कर रहे हैं। हेलो गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। हेलो के कारोबारी मॉडल संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कंपनी यूजर्स का डाटा बेचकर पैसा नहीं जुटाने जा रही है।
साइन-अप करने पर पूछेंगे 5 चीजें
बुयुकॉक्टेन ने कहा कि जब यूजर हेलो में साइन-अप करेगा तो उससे पांच चीजें पूछी जाएंगी, जो उनके पैशन के बारे में होंगी। उसी आधार पर उन्हें रेकमंडैशन भेजी जाएगी। हालांकि इससे उनकी प्राइवेसी में किसी प्रकार की घुसपैठ नहीं होगी। जिम्मेदारी तय करने के लिए कंपनी हर विज्ञापनदाता की हेलो पर प्रोफाइल बनवाएगी। किसी भी थर्ड पार्टी के साथ यूजर की कोई जानकारी शेयर नहीं की जाएगी। भारत के बाद कंपनी अपने होम मार्केट अमेरिका में दस्तक देगी। साथ ही कंपनी फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों को भी टारगेट करेगी।
फेसबुक यूजर भारत में 20 करोड़ पार
सोशल नेटवर्किंग दिग्गज फेसबुक के भारत में 20 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। फेसबुक यह स्वीकार कर चुका है कि देश के करीब 5.62 लाख यूजर्स का डाटा कैंब्रिज एनालिटिका के पास गलत तरीके से हो सकते हैं। ध्यान रहे कि ब्रिटिश कंपनी ने गलत तरीके से फेसबुक यूजर्स का डाटा हासिल कर लिया था। आरोप है कि इस डाटा का इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया था। फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग अपनी गलती मान चुके हैं। एक दिन पहले वे अमेरिकी कांग्रेस के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे। वहां उन्होंने भारत सहित दुनियाभर के चुनावों में फेसबुक के मंच का गलत इस्तेमाल नहीं होने का वादा दोहराया था।
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