फ़ेसबुक पर 18 जनवरी को पोस्ट किए गए 'ए मैसेज टू द तालिबान' नाम के इस वीडियो को अबतक एक लाख 40 हज़ार लोग देख चुके हैं और क़रीब 15 हज़ार लोगों ने इसे शेयर किया है.
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इसे बनाया है लाहौर निवासी सायम सादिक़ और इमरान अहमद ख़ान ने. उनका कहना है कि इस वीडियो को बनाने का मक़सद दुनिया को यह बताना था कि इस तरह के हमले पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं हैं.
इस वीडियो में कई लोग दिखाए गए हैं जो चरमपंथियों को चुनौती दे रहे हैं. ये लोग तालिबान चरमपंथियों से कह रहे हैं कि वो उनसे डरने वाले नहीं हैं.
पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमलों में 132 बच्चों समेत 140 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
सायम और इमरान नौकरी करते हैं. दोनों ने अपनी तनख़्वाह में से कुछ पैसे बचाकर इस वीडियो को बनाया है.
हालांकि उन पर विदेशों से पैसे लेकर वीडियो बनाने के भी आरोप लगे.
उन्होंने बताया कि वो इस वीडियो में 13 लोगों को लेना चाहते थे. लेकिन डर की वजह से बहुत से लोगों ने काम करने से मना कर दिया.
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