क्या आपको बचपन की कैमिस्ट्री बुक की कुछ रिएक्शन्स के बारे में कुछ याद है. क्या रेडियोएक्टिविटी के क्यूरी फार्मूला अब आप आप फिर से रिकाल कर सकते हैं. अगर क्यूरी के वो फार्मूले अब याद नहीं तो कोई बात नहीं आप गूगल डूडल के जरिये कम से कम मैडम क्यूरी को तो याद कर ही सकते हैं.
मेरी क्युरी का आज 144वां बर्थ डे है. रेडियोएक्टिविटी पर किये गये उनके काम के लिये दुनिया भर के साइंटिस्ट उनका लोहा मानते हैं. मेरी क्युरी ने साइंस में मेल डोमिनेशन को खत्म करते हुए दो बार नोबल पुरस्कार जीता. इंट्रस्टिंग बात यह है कि उन्हे फिजिक्स और कैमेस्ट्री दोनों में ही नोबल प्राइज दिया गया है. मेरी क्युरी पहली ऐसी महिला हैं जिन्हे दो नोबल प्राइज दिये गये हों.
मैडम क्यूरी के हसबैंड एक फ्रेंच फिजिसिस्ट थे. उन्होने क्रिस्टैलोग्राफी, मैग्नेटिज्म, पाइजोइलेक्ट्रीसिटी और रेडियोएक्टिविटी पर ढ़ेर सारा काम किया था. मेरी क्युरी और उनके हसबैंड दुनिया के इकलौते ऐसे कपल हैं जिन्होने साइंस के नोबल को शेयर किया. क्युरी का पूरा परिवार ही नोबल प्राइज पा चुका है. 1903 में पति के साथ एक नोबल जीतने के बाद मेरी क्युरी को 1911 में कैमेस्ट्री का नोबल पुरस्कार दिया गया. उनकी बेटी आइरीन और दमाद फ्रेडरिक को भी 1935 में कैमेस्ट्री के लिये नोबल पुरस्कार से नवाजा गया.
साइंटिस्ट मां की दूसरी बेटी ने भी नोबल प्राइज जीता था. बाकी फैमिली मेंबर्स की तरह उन्हे यह प्राइज फिजिक्स या कैमेस्ट्री में नहीं मिला था. ईव ने 1965 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल किया था.
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