अक्टूबर में धरती के करीब से गुजरा मिस्टीरियस ऑब्जेक्ट क्या था?
करीब आधा किलो मीटर लंबा शिगार के आकार का एक रहस्यमई ऑब्जेक्ट अक्टूबर के महीने में धरती के नजदीक से गुजरा था। Oumuamua नाम का यह ऑब्जेक्ट ज्यादातर वैज्ञानिकों के लिए ऐसा पहला उल्का पिंड है जो किसी दूसरी आकाशगंगा से हमारे सौरमंडल में बहुत स्पीड में दाखिल हुआ। इसके बाद धरती के नजदीक से होता हुआ हमारे सौरमंडल से बाहर जा रहा है। अंतरिक्ष में अब तक जो भी उल्कापिंड देखे गए हैं उन सभी से अनोखा है इस ऑब्जेक्ट का आकार। जब यह ऑब्जेक्ट धरती के नजदीक से गुजरा तब भी इसकी दूरी धरती और चांद की दूरी से 85 गुना अधिक थी। इसके बावजूद दुनिया के एक बड़े टेलीस्कोप ने उसे देख लिया।
स्टीफन हॉकिंग ने भी माना इसे एलियन स्पेसक्राफ्ट!
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई में Pan Starrs नाम का एक बहुत ही बड़ा टेलिस्कोप लगा है है जो संसार में खतरनाक उल्का पिंडों को खोजने और उनकी पहचान करने के लिए लगाया गया है। इसी टेलिस्कोप ने सबसे पहले इस ऑब्जेक्ट को अक्टूबर में देखा था। अभी तक तो सभी वैज्ञानिक इसे एक उल्कापिंड ही मान रहे थे लेकिन इस का अनोखा आकार, इसकी अनोखी विशेषताएं और इसकी बहुत तेज स्पीड की वजह से अब तमाम वैज्ञानिक यह शक कर रहे हैं कि हो सकता है यह किसी एलियन प्लेनेट से आने वाला स्पेसशिप हो। यहां तक कि विज्ञान की दुनिया के मास्टरमाइंड स्टीफन हॉकिंग ने भी अब यह मान लिया है कि वो ऑब्जेक्ट किसी दूसरी दुनिया का एक स्पेसशिप भी हो सकता है, जो ब्रम्हांड की यात्रा में निकला हुआ है।
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कैसा दिखता है Oumuamua
यह मिस्टीरियस ऑब्जेक्ट करीब 400 मीटर लंबा है और इसका आकार एक सिगार जैसा दिखता है। इस ऑब्जेक्ट की स्पीड सुन कर दो दुनिया दंग ही रह गई है। जी हां यह ऑब्जेक्ट दूर किसी आकाशगंगा से 1 लाख 96 हजार मील प्रति घंटे की स्पीड से हमारे सौरमंडल में घुसकर पृथ्वी के नजदीक से गुजर गया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि ज्यादातर उल्कापिंड सौर मंडल में घुसते ही सूरज के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होकर अपनी दिशा बदल देते हैं या फिर टूट फूट जाते हैं लेकिन इस ऑब्जेक्ट की स्पीड इतनी ज्यादा है कि यह सूरज या किसी दूसरे ग्रह की ग्रेविटी में फंसे बिना ही हमारे सौरमंडल में आसानी से उड़ता हुआ बाहर निकल जाएगा।
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इस मिस्टीरियस ऑब्जेक्ट की जांच के लिए शुरु हुआ सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
इस अजीबोगरीब स्पेस ऑब्जेक्ट की गहन जांच पड़ताल और इससे आने वाले रेडियो ट्रांसमीशन को सुनने के लिए वैज्ञानिक अमेरिका के वर्जीनिया में स्थित सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप 'ग्रीनबैंक' का यूज करेंगे। यह टेलिस्कोप अनंत अंतरिक्ष से आने वाले रेडियो ट्रांसमिशन को सुनने और समझने की क्षमता रखता है। फिलहाल तो यह मिस्टीरियस ऑब्जेक्ट सूरज से भी 2 गुना दूरी पर मौजूद है लेकिन दुनिया का यह बहुत ही शक्तिशाली टेलीस्कोप इतनी ज्यादा दूरी से भी आने वाले रेडियो सिग्नल्स को पकड़ सकता है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस उल्कापिंड या स्टीरियस ऑब्जेक्ट के बारे में कुछ भी नया जानकर हम ब्रह्मांड की कोई नई खोज कर पाएंगे और हमारे लिए अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।
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