सच तो यह है कि ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं है जो बताता हो कि महिलाओं की शर्ट पर या उनके कपड़ों में बटन बाईं ओर क्यों लगाए जाते हैं, लेकिन फिर भी तमाम ऐसे लॉजिक मौजूद हैं जिन्हें जानकर आप कहेंगे कि वाकई बाईं ओर बटन लगा कर महिलाओं का खास ख्याल रखा गया है।
पहला लॉजिक - विक्टोरिया काल की महिलाओं के कारण शुरु हुआ यह प्रचलन
दुनिया में कपड़ों में बटन लगाने का मॉडर्न सिस्टम महिलाओं द्वारा पहली बार 18वीं शताब्दी के मध्य में शुरू किया गया। उस दौर में एलीट क्लास की अमीर महिलाएं ही अपने कपड़ों में बटन लगवाती थीं। खास बात यह है 1830 से लेकर 1900 के दौरान ये अमीर महिलाएं खुद ही अकेले अपने कपड़े नहीं पहनती थीं, बल्कि उनकी मेड या महिला नौकर कपड़े पहनने में हमेशा ही उनकी मदद करती थीं। ऐसे में कपड़ों में बाई ओर लगा बटन बंद करना किसी भी मेड के लिए ज्यादा आसान था। कहने का मतलब यह है कि अगर किसी को कोई दूसरा व्यक्ति कपड़े पहनाने में मदद करें तो उसे बाईं ओर लगे बटनों को बंद करने में ज्यादा आसानी होगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के कपड़ों में बाई ओर बटन लगाने की परंपरा शुरू हुई। महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर बटन लगाने का यह लॉजिक इसलिए भी ज्यादा प्रैक्टिकल लगता है क्योंकि महिलाओं के कपड़े हमेशा से ही पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा कॉन्प्लेक्स और सजावटी रहे हैं। इस कारण उन्हें तैयार होने में किसी न किसी की हेल्प की जरूरत पड़ती थी। तभी उन अमीर महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके कपड़ों में बाईं ओर बटन लगाने का कल्चर शुरू हुआ और आजतक चला आ रहा है।
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दूसरा लॉजिक - बच्चों को दूध पिलाने में आसानी
पिछले कुछ सालों में विकसित हुई यह नई सोच बताती है कि महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर बटन लगाने से उन्हें अपने बच्चों को स्तनपान कराने में ज्यादा आसानी होती है। ज्यादातर महिलाएं राइट हैंडेड होती हैं ऐसे में अपने बच्चों को दूध पिलाने या उन्हें संभालने के लिए वो बच्चे को बाएं हाथ में पकड़तीं और अपने दाहिने हाथ खाली रखती हैं। ऐसे में कपड़ो में लगे बाईं ओर के बटन एक हाथ से खोलना उनके लिए आसान रहता है। बच्चों को दूध पिलाने के लिए शर्ट में बाईं ओर बटन लगाने का यह लॉजिक भी काफी पॉपुलर है और कुछ लोग इसे ही सच मानते हैं।
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तीसरा लॉजिक - पुराने दौर के सोशल कल्चर का परिणाम
महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर लगाए जाने वाले बटन को लेकर एक और हाइपोथिसिस मानी जाती है, जिसके हिसाब से विक्टोरिया कॉल में बाएं हाथ को दाहिने हाथ की अपेक्षा निचले स्तर का माना जाता था। ऐसे में महिलाओं के कपड़े डिजाइन करने वाले लोगों ने जानबूझकर उनके कपड़ों में बाईं ओर बटन लगाए, ताकि महिलाओं को एहसास रहे कि वह समाज में दूसरे दर्जे की हैं। यह सोच काफी दकियानुसी लगती है और इसकी सच्चाई को परखना लगभग नामुमकिन है।
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चौथा लॉजिक - नेपोलियन बोनापार्ट की सनक
महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर बटन क्यों होते हैं? इसको लेकर कई लॉजिक आप सुन चुके हैं अब जानिए ये विचित्र लॉजिक। फ्रांस के फेमस पॉलिटिकल लीडर नेपोलियन बोनापार्ट का एक फेमस आइकोनिक फोटो पोज तमाम बार महिलाओं द्वारा मजाक का पात्र बना। इस फेमस फोटो में नेपोलियन का दाहिना हाथ उनके वेस्ट कोट के अंदर फंसा हुआ दिखता है। नेपोलियन नहीं चाहता था कि महिलाएं उसके इस पोस्ट का मजाक बनाएं। इसलिए उसने जानबूझकर महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर बटन लगाने की परंपरा शुरू करवाई। यह बात सुनने में तो बड़ी ही ऐतिहासिक लगती है लेकिन फिर भी बहुत बेतुकी है कि एक महान राजनीतिज्ञ भला ऐसी हरकत करेगा।
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महिलाओं के कपड़ों में बाईं ओर बटन को लेकर ऐसे ही कई और भी लॉजिक बताए जाते हैं, हालांकि इनमें से शुरुआती एक या दो लॉजिक ही ज्यादा प्रैक्टिकल सही नजर आते हैं, लेकिन फिर भी ऐसी परंपरा कैसे और कब शुरू हुई इसे पक्के तौर पर बता पाना बहुत मुश्किल है।
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