समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार इस नौ महीने के बच्चे, मोहम्मद मूसा ख़ान, उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को एक फ़रवरी को एक गैस कंपनी के अधिकारियों पर पत्थर फेंकने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार सभी अभियुक्तों को गुरुवार को खचाखच भरी अदालत में पेश किया गया. मोहम्मद मूसा अदालत में अपने दादा मोहम्मद यासीन की गोद में बैठा था.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोहम्मद यासीन, मूसा को दूध की बोतल से दूध पिलाते देखे गए.

एएफ़पी के अनुसार मोहम्मद यासीन ने कहा, "पुलिस और गैस कंपनी के अधिकारी बिना किसी नोटिस के हमारे घर आए और हमारे घर का गैस का कनेक्शन और मीटर निकालने लगे. स्थानीय लोगों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगी. लेकिन बाद में हमें पता चला कि हमारे ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है."

मुख्यमंत्री की चिंता

"इस मामले से पाकिस्तान पुलिस की नाकाबिलियत और कामकाज के तरीके के बारे में भी पता चलता है."

-फ़ैसल नक़वी, सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान में वकील

अदालत ने मूसा को जमानत दे दी लेकिन उसे 12 अप्रैल को फिर से अदालत में हाज़िर होने के लिए कहा है.

पाकिस्तान के पंजाब के मुख्यमंत्री मोहम्मद शाहबाज़ शरीफ़ एक बच्चे पर इस तरह के आरोप लगाए जाने पर चिंतित हैं.

उन्होंने प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है और मामला दर्ज़ करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ 'कड़ी कार्रवाई' की मांग की है.

पाकिस्तानी वेबसाइट 'द नेशन' के अनुसार जिस पुलिस अधिकारी ने इस बच्चे पर आरोप दायर किए थे उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के वकील फ़ैसल नक़वी ने एएफ़पी से कहा कि पुलिस का किसी मामले में परिवार के सभी सदस्यों का नाम डाल देना एक सामान्य बात है. ताकि उन पर दबाव बनाया जा सके. हालांकि बच्चों का नाम डालना सामान्य बात नहीं है.

एएफ़पी के मुताबिक़ नक़वी कहते हैं, "इस मामले से पाकिस्तान पुलिस की नाकाबिलियत और कामकाज के तरीके के बारे में भी पता चलता है."

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