1. घर में थे 100 नौकर
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे मंसूर अली खान पटौदी खानदानी रईस थे। पटौदी 150 कमरों वाले बंगले में रहते थे। जिसमें कि 100 नौकर थे। बताया जाता है कि पटौदी जब छोटे थे तो 8-10 नौकर सिर्फ उनकी देख-रेख किया करते थे।
2. क्रिकेट का असली टाइगर :
नवाब पटौदी को टाइगर के नाम से भी जाना जाता था। बताते हैं कि वह चीते की तरह फील्डिंग किया करते थे इसलिए उनके साथी क्रिकेटर्स ने उन्हें टाइगर नाम दिया।
3. पिता से चार कदम आगे :
क्रिकेट जगत में ऐसा बहुत कम देखा गया है कि पिता से ज्यादा बेटा क्रिकेट में नाम कमाए। नवाब पटौदी के पिता इफ्तिकार अली खान इंग्लैंड की तरफ से क्रिकेट खेला करते थे। लेकिन नवाब ने भारतीय टीम में जगह पाई और पिता से ज्यादा नाम कमाया।
4. एक आंख थी खराब, फिर भी लक्ष्य था साफ
साल 1961 में नवाब पटौदी की कार एक्सीडेंट में दाहिनी आंख की रोशनी चली गई थी। इसके बावजूद पटौदी ने हिम्मत नहीं हारी। हादसे के छह महीने बाद पटौदी भारतीय टीम में शामिल हुए और इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया।
5. सबसे कम उम्र के भारतीय टेस्ट कप्तान :
सबसे कम उम्र में भारतीय टेस्ट कप्तान बनने का रिकॉर्ड नवाब पटौदी के नाम है। पटौदी को जब कप्तानी मिली थी उस समय उनकी उम्र 21 साल 77 दिन थी।
6. विदेशी धरती पर पहली टेस्ट जीत :
साल 1967 में नवाब पटौदी की कप्तानी में भारत को विदेशी धरती पर पहली जीत मिली थी। भारत ने यह मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ जीता था।
7. इन्हें क्रिकेटर नहीं खिलाड़ी कहिए :
जी हां नवाब पटौदी को सिर्फ क्रिकेटर कहना गलत होगा। वह ऑक्सफोर्ड की तरफ से हॉकी और बिलियर्ड्स भी खेल चुके हैं। इसके साथ ही पटौदी फुटबॉल खेलने में भी माहिर थे।
8. चुनाव तो लड़े लेकिन नहीं मिली जीत :
क्रिकेट जगत में अपनी बादशाहत जमाने वाले पटौदी का राजनीतिक करियर काफी खराब रहा। साल 1991 में कांग्रेस की तरफ से पटौदी ने चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली।
Cricket News inextlive from Cricket News Desk
Cricket News inextlive from Cricket News Desk