भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

1 . अमर सिंह चमकीला

पंजाबी विद्रोही अमर सिंह चमकीला। बेखौफ होकर अपने गीतों के जरिए समाज की बात को लोगों को सामने रखने वाले अमर सिंह चमकीला को एक मोटरसाइकिल गिरोह ने दिन-दहाड़े गोलियों से भून दिया था। इनके बारे में बता दें कि ये अमर सिंह पंजाब में जन्मे थे। इन्होंने बेहद कम समय में ही संगीत की दुनिया में अपनी एक खास जगह बना ली थी। गीतकार होने के साथ ही साथ वह एक बेहतरीन मंच कलाकार भी थे। इनकी हत्या की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ सकी है। इनकी खासियत ये थी कि ये अपने गीतों के माध्यम से उन खास चीजों का जिक्र किया करते थे, जिसे उन्होंने अपने ग्रामीण जीवन में देखा था। अक्सर वे सामाजिक कुरीतियों, नशे, मादक प्रदार्थ जैसे मामलों पर बात करते थे। यही वजह थी कि उनके चाहने वाले काफी ज्यादा थे। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी थे जो इस गायक के पीठ पीछे इनकी बुराई भी करते थे। इसी राह पर चलते हुए जब चमकीला अपने कॅरियर के शीर्ष पर थे, तो उनके क्रांतिकारी गीत ही उनकी जान के दुश्मन बन गए। इस कारण चमकीला को खालिस्तानी उग्रवादियों से कई बार मौत की धमकी भी मिली। इसी बीच इन्होंने एक अलग जाति से ताल्लुक रखने वाली अमरजोत कौर से शादी कर ली।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

फिर 8 मार्च 1988 को लगभग 2 बजे का वह समय था, जब चमकीला और उनकी पत्नी पंजाब के गांव महसामपुर में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। जैसे ही वे गाड़ी से उतरे उन पर मोटरसाइकल गिरोह ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में चमकीला और अमरजोत के साथ उनके दो साथी भी मारे गए। उस समय अमरजोत प्रेग्नेंट थीं। उनकी हत्या का दोषी आतंकवादियों को माना गया। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना था कि अमर पंजाब के बेहतरीन गायक थे। इस वजह से दूसरे गायकों ने साजिश करके उनको मौत के घाट उतार दिया।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

2 . चंद्रशेखर प्रसाद

31 मार्च 1997 का वो दिन। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन के लिए काम करने वाले एक शार्पशूटर ने कथित तौर पर उनकी गोली मार कर हत्या कर दी। चंद्रशेखर के बारे में बताया गया कि सीवान में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद इन्होंने सैनिक स्कूल, तिलैया से पढ़ाई पूरी की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए चुने गए। इसके बावजूद वह एक एक्टिविस्ट बनना चाहते थे। ऐसे में एनडीए को छोड़कर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया था। बिहार यूनिवर्सिटी के बाद इन्होंने जवाहर लाल नेहरु विवि में एडमिशन ले लिया। यहां उन्होंने आईसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन) को मजबूत किया। तीन बार जेएनयू छात्र संघ के लिए इनको चुना गया। 1995 और 1996 में वे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। 31 मार्च 1997 का वो दिन था। सीवान में एक चौक पर भाकपा माले की ओर से बुलाए गए एक बंद के समर्थन में रैली कर रहे चंद्रशेखर और उनके एक साथी की हत्या कर दी गई। वैसे हत्या में कथित तौर पर सीवान के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम सामने आया। इनकी हत्या के बाद दिल्ली और बिहार के कई स्थानों पर प्रदर्शन हुआ। इसके बावजूद पुलिस अब तक मामले की गुत्थी को नहीं सुलझा सकी है।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

3 . राजीव दीक्षित

राजीव दीक्षित एक सच्चे देशभक्त थे। इनकी मौत के लिए दो कारणों को जिम्मेदार माना गया। कुछ लोगों ने कहा कि हार्टअटैक के कारण उनकी मौत हो गई, वहीं कुछ का कहना था कि उनको धीमी गति से मारने वाला जहर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद भी इस बात की आखिर तक पुष्टि नहीं हो सकी। बता दें कि 43 वर्षीय राजीव दीक्षित एक सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय राष्ट्रवादी थे। 2001 में राजीव ने न्यूयॉर्क के ट्विन टावर्स पर हुए हमले और ऐसे ही दूसरे विषयों पर विवादास्पद राय बना रखी थी। राजीव ने अधिकारों को लेकर सरकार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी। इसी को लेकर उन्होंने अपने कई दुश्मन बना लिए थे। 30 नवंबर 2010 का वो दिन था, जब भारत स्वाभिमान यात्रा के दौरान वह छत्तीसगढ़ के भिलाई गांव में एक व्याख्यान दे रहे थे। यहीं पर उनकी अचानक हार्ट फेल होने से मौत हो गई थी।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

4 . लाल बहादुर शास्त्री

आज भी लोगों के लिए से बड़ा सवाल बना हुआ है कि ताशकंद में उस रात ऐसा क्या हुआ कि 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रधानमंत्री की मौत सोवियत संघ, ताशकंद समझौते (11 जनवरी, 1966 को भारत-पाक के बीच हुआ शांती समझौता) पर हस्ताक्षर करने के कुछ समय बाद हार्ट अटैक से हुई थी। वह भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, जिनकी मौत देश से बाहर हुई थी। यही एक बड़ा कारण था कि कुछ लोगों को उनकी मृत्यु पर अभी भी शक है। सिर्फ यही नहीं लाल बहादुर शास्त्री की मौत के मामले में कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं बनाई गई। इसके बावजूद उनके शरीर को देखने पर लोगों ने इस बात का साफ अंदाजा लगा लिया था कि उनकी मौत जहर के कारण हुई है। बल्कि इनकी मौत के सच को जानने के लिए दायर आरटीई को सरकार ने यह कह कर खारिज़ दिया था, कि इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों में खिंचाव आ सकते हैं।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

5 . सुनंदा पुष्कर

2010 में सुनंदा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से शादी कर ली। सुनंदा ने दो असफल शादियों के बाद ये तीसरी शादी की थी। उनकी इस प्रेम कहानी का अंत बेहद दर्दनाक हुआ। 17 जनवरी 2014 को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में एक फाइव स्टार होटल में सुनंदा पुष्कर की लाश मिली। मौत के एक दिन पहले सुनंदा का टि्वटर पर पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से किसी बात पर झगड़ा हुआ। उनके उस ट्वीट से ऐसा लगा कि थरुर और मेहर के बीच अफेयर था। पहले तो इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सुनंदा ने आत्महत्या की। उसके बाद एम्स के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनंदा के शरीर पर दर्जन चोटों के निशान की बात बताई। आखिर में डॉक्टर्स की टीम ने इस बात की पूरी तरह से पुष्टी कर दी कि उनकी मौत नैचुरल नहीं थी। ये हत्या थी। 10 अक्टूबर 2014 को एम्स की मेडिकल टीम ने जांच के बाद खुलासा किया कि सुनंदा पुष्कर की मौत जहर के कारण हुई थी। 6 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने इस बात की घोषणा की कि सुनंदा पुष्कर की हत्या हुई थी, जिसके आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। अब तक उनकी मौत के जिम्मेदारों को सिर्फ ढूंढा जा रहा है।

 

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

6 . आरुषि तलवार

2008 में नोएडा का आरुषि तलवार हत्याकांड। आरुषि तलवार और उसके नौकर हेमराज की उनके घर में संदेहास्पद ढंग से हत्या कर दी गई। 14 साल की आरुषि का शव उसके नोएडा आवास से 16 मई 2008 को मिला। मामले में पहले तो नौकर हेमराज शुरू से गायब था। लिहाजा उसको इस हत्या का मुख्य आरोपी माना जा रहा था। उसके बाद अचानक से लोग उस समय दंग रह गए जब उसका भी शव घर की छत पर पड़ा मिला। मामले में इससे भी ज्यादा चौंका देने वाली बात तब सामने आई जब आरुषि के माता-पिता को इस हत्या का मुख्य आरोपी पाया गया। बाद में दोनों को गिरफ्तार भी किया गया। सीबीआई के एसपी एजीएल कॉल के मुताबिक आरुषी के पिता राजेश तलवार ने अपनी बेटी को नौकर हेमराज के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस और सीबीआई के अलग-अलग तर्कों के साथ इस मामले में कई उतार-चढ़ाव आए। शुरुआत में शक की सूई पिता राजेश तलवार पर रुकी। उसके बाद उनके दोस्तों के घरेलू सहायकों पर, फिर राजेश और उनकी पत्नी पर टिकी। उसके बाद से यह मामला हमेशा से ही मीडिया में छाया रहा, लेकिन अब तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका।

भारत के वो सात अनसुलझे मर्डर केस,जो उड़ा दें आपकी रातों की नींद

7 . रिज़वानुर रहमान

रिज़वानुर रहमान के बारे में बता दें कि वह एक कंप्यूटर ग्राफिक्स ट्रेनर थे। रहमान 200 करोड़ रुपये के लक्स कोज़ी होज़री ब्रांड के मालिक अशोक तोडी की बेटी प्रियंका तोडी से प्यार करते थे। उसके बाद दोनों ने शादी कर ली थी। बताया गया कि अशोक तोडी इस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। ऐसे में रिज़वानुर पर दबाव डाला गया। दबाव डालकर उन्होंने प्रियंका को अपने घर बुला लिया और उसको रिज़वानुर से बात तक करने से भी मना कर दिया। 21 सितंबर 2007 का वो दिन था जब रिज़वानुर के मृत शरीर को कोलकाता के एक रेलवे ट्रैक से बरामद किया गया। इस घटना को बेहद सफाई के साथ आत्महत्या का एक मामला करार दे दिया गया, लेकिन पुलिस को जो सबूत मिले उसने इस घटना को आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या बताया। मीडिया ने भी इस मामले को काफी जोरदार तरीके से उठाया था। मई 2010 में कोलकाता उच्च न्यायालय ने रिज़वानुर के भाई रुकबानुर रहमान की याचिका पर CBI से कार्रवाई करने को कहा। रिज़वानुर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने में तोडी, उनके दो रिश्तेदार और चार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। मामला अभी भी जांच के तहत लटका हुआ है।

Interesting Newsinextlive fromInteresting News Desk

Interesting News inextlive from Interesting News Desk