नई दिल्ली (पीटीआई)रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को एक संसदीय पैनल को सूचित किया कि कोरोना वायरस के कारण इस साल मार्च में 60 प्रतिशत से अधिक टिकट कैंसिल करा दिए गए हैं। वहीं, परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति ने रेलवे और विमानन मंत्रालयों के साथ एक विशेष बैठक बुलाई, जिसमें देश में संक्रमण के कारण हुईं तीन मौतों के मद्देनजर उनके द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी मांगी। इसके अलावा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, वी के यादव को संसदीय पैनल द्वारा COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की 'घटिया प्रेजेंटेशन' दिखाने के लिए खूब फटकारा गया। पैनल के एक सदस्य ने कहा, 'ऐसे संवेदनशील समय में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बिना तैयारी के एक घटिया प्रेजेंटेशन दी।' इस दौरान, यादव ने सभी से बचाव के लिए किसी भी गैर-जरूरी यात्रा को टालने की अपील की।

रेलवे उठा रहा है सक्रिय कदम

वहीं, रेल मंत्री पियूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा है कि रेलवे भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई सक्रिय कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि उपायों में यात्रियों के लिए क्वारंटाइन फैसिलिटी का निर्माण, सहायता डेस्क का निर्माण, स्टेशनों और ट्रेनों की बेहतर स्वच्छता और नियमित घोषणाएं शामिल हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद, भारतीय रेलवे ने मंगलवार को 18 मार्च से 1 अप्रैल तक विभिन्न क्षेत्रों में कम व्यस्तता के कारण 85 ट्रेनों को रद कर दिया है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रेनों को रद करने का निर्णय कम व्यस्तता को देखते हुए लिया गया है।

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