चेंज एडेप्टिव बनाता है योग
योग करने के लिए आपको बार-बार अपने शरीर को अलग-अलग पोजिशन में ले जाना पड़ता है जो कि शुरुआत में आपके लिए लिए दिक्कत तलब हो सकता है। लेकिन इसके बावजूद आप डीप ब्रीदिंग करते हुए इन योगासनों को करते हैं। फिर धीरे-धीरे आप इन योगासनों को करने में अभ्यस्त हो जाते हैं। बदलाव को स्वीकार करने की यह मानसिक प्रवृत्ति आपको ऑफिस में भी मदद करती है। जब कभी आपके ऑफिस में अचानक से कोई काम में परिवर्तन आता है तो आप बिना अपना पेशेंस खोए बदले हुए काम को भी दिल लगाकर खत्म कर लेते हैं।
योग बनाता है महत्वाकांक्षी
रोजाना योग करने से आप अपने अंदर पॉजिटिव चेंज देखना चाहते हैं। मसलन शुरु-शुरु में आपके योग टीचर आपको शीर्षासन करने के लिए कह सकते हैं। तब आपको शीर्षासन करने में दिक्कत महसूस हो सकती है। आप मन में यह विचार भी आ सकता है कि यह योगासन तो आपसे हो ही नहीं सकता। लेकिन जैसे-जैसे आपका आपके शरीर पर नियंत्रण स्थापित होना शुरु हो जाता है तो आपमें एक आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा आ जाती है। फिर एक दिन आप शीर्षासन और क्रो पोज जैसे कठिन योगासनों को भी कर लेते हैं। यह आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा आपको आपके ऑफिस में भी कठिन से कठिन काम करने में मदद करती है। कठिन काम सामने आने पर आपके हाथ पैर नहीं फूलते और आप काम की जगह दोस्त से बातें करना शुरु नहीं कर देते हैं जिससे जितनी देर हो सके आप उस कठिन काम से बच सकें।
सीखते हैं डिस्ट्रेक्शन से बचाना
योग करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप अपने आप को फोकस्ड रखना सीख जाते हैं। किसी भी योगासन में शरीर को एक विशेष पोज में रखते हुए सांस को धीरे-धीरे अंदर एवं बाहर छोड़ना होता है। ऐसे में आप योग करते हुए खुद को केंद्रित करना सीख जाते हैं। लेकिन जब आप यह क्षमता विकसित कर लेते हैं तो यह आपको अपने ऑफिस में खुद को कंसंट्रेट रखने में मदद करती है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी कहती है कि मेडिटेशन करने वाले लोग तमाम शोर-शराबे के बींच भी खुद को कंसंट्रेट रखने में सक्षम रहते हैं।
योग से कम होता है स्ट्रेस
ऑफिस के काम में मन ना लगने की सबसे बड़ी वजह होती है आपका थका हुआ दिमाग एवं इकठ्ठा हुआ स्ट्रेस। इसलिए आपको सबसे पहले अपने स्ट्रेस का इलाज करना चाहिए। और योग आपको इस समस्या से निजात दिला सकता है। मसलन योगासन करते हुए अगर आप अपने पैर या हाथ को एक विशेष पोज में नहीं रख पाते हैं तो आप मुस्कराने और प्रयास करने के सिवा कुछ नहीं कर पाते हैं। फिर धीरे धीरे आप अपने शरीर को उस योगासन के लिए ढाल लेते हैं। ऐसे में आप एक बात सीखते हैं कि जब हर काम प्रयास करने से होती है तो स्ट्रेस लेने का अर्थ है। यही नहीं कुछ ऐसे योगासन हैं जो विशेषकर स्ट्रेस दूर करने के लिए ही बनें हैं। इन योगासनों को करके कोई भी स्ट्रेस से निजात पा सकता है।
मेमोरी भी होती है इंप्रूव
योग पर की गई एक स्टडी में सामने आया है कि योग करने से आपकी मेमोरी भी शार्प होती है। यही नहीं योग करते हुए आपकी मल्टी-टास्किंग भी सुधरती है। अच्छी मेमोरी होने की वजह से आप ऑफिस में डिस्ट्रेक्टेड नहीं फील करते हैं।