हर भारतीय को पढ़नी चाहिए इन 6 महिलाओं की कहानी
1. सत्यामंगलम की साहसी औरतें :
तमिलनाडु के एक छोटे से गांव सत्यामंगलम की महिलाओं समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की है। इन औरतों ने अपनी जिदंगी को एक वीडियो कैमरे में शूट किया। दरअसल यहां पर औरतों ने अत्याचार या जुल्म के खिलाफ एक कैंपेन चलाया। इसके लिए फिल्म मेकिंग वर्कशॉप शुरु की गई है। जिसमें महिला वालेंटियर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।

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2. गांव की मजबूर आज अमेरिका में है सीईओ :
तेलंगाना के वारांगल में पैदा हुई ज्योति रेड्डी की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। साल 1989 में पांच रुपये प्रति दिन की मजदूरी करने वाली ज्योति आज यूएसए में एक बड़ी कंपनी की सीईओ हैं। एक मजदूर से सीईओ बनने का सफर इतना आसान नहीं था। इसके लिए ज्योति ने कड़ी मेहनत की और अपनी एक अलग पहचान बनाई।

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3. बरसाने की लठ्ठबाज महिलाएं :
मथुरा के नजदीक बरसाना में महिलाओं का अलग ही रूप देखने को मिलता है। यहां की औरतें अपने पतियों की शराब पीने की लत से काफी परेशान रहती हैं। खासतौर पर होली में जहां खुशी और उल्लास का माहौल होता है तब ये मर्द नशे में धुत होकर त्यौहार का मजा किरकिरा कर देते हैं। ऐसे में इन महिलाओं ने पुरुषों को सबक सिखाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला जिसे आज हम 'लठ्ठमार होली' कहते हैं। होली वाले दिन महिलाएं अपने-अपने पतियों को लाठी से पीटती हैं यह अब बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

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4. राजस्थान के गांव की सरपंच :
राजस्थान के किशनगढ़ जिले के हरदमा गांव की रहने वाली नरौती कई महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं। एक दलित परिवार में जन्मीं नरौती के लिए सरपंच बनने की राह आसान नहीं थी। सरपंच बनने से पहले नरौती पत्थर काटने का काम करती थी। इसके एवज में उन्हें जो दिहाड़ी मिलती थी उससे घर खर्च चलता था। फिलहाल जो हाथ पत्थर तोड़ा करते थे वह अब कंप्यूटर पर चलते हैं। नरौती का मकसद है अपने गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाना।

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5. लिज्जत पापड़ :
Lijjat Papad लिज्जत बॉम्बे में रहने वाली सात गुजराती महिलाओं की उपज था जो गिरगौम लोहाना निवास में रहती थी। उन निरक्षर गृहिणियो के पास अपने दैनिक कार्य निपटाने के बाद काफी समय मिल जाता था इसलिए उन्हें विचार किया कि कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे वो भी परिवार की आय में अपना हाथ बंटा सके। इन सात महिलाओं के नाम जसवंतीबेन जमनादास पोपट, पार्वतीबेन रामदास ठोदानी, उजमबेन नरानदास कुण्डलिया, बानुबेन तन्ना, लागुबेन अमृतलाल गोकानी, जयाबेन विठलानी और एक ओर औरत थी जिसका नाम किसी को पता नही है। 80 रूपये की पूंजी से शुरू होने वाला ये कारोबार आज 500 करोड़ रूपये से ज्यादा का हो गया है और ये फर्म आज भारत के लगभग 50 हजार लोगो को रोजगार मुहैया करवाती है। इस फर्म की मुख्य शाखा मुम्बई में है और पुरे भारतवर्ष में इसकी 81 शाखाए है।

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6. एक सफल बिजनेसवुमेन :
भारत की सबसे सफल महिला बिजनेसवुमेन में से एक कल्पना सरोज कमानी ट्यूब्स की चेयर पर्सन हैं। कल्पना का शुरुआती जीवन काफी कठिन रहा। 12 साल की उम्र में कल्पना की शादी हो गई। ससुराल में कल्पना को काफी परेशान किया जाने लगा। इन सबसे तंग आकर कल्पना ने एक बार सुसाइड करने का भी मन बना लिया था। खैर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना ने बाद में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करना शुरु किर दिया। इसके बाद वह टेलरिंग के बिजनेस में आ गईं और फिर एक फर्नीचर स्टोर खोला। इस समय कल्पना के पास तकरीबन 112 मिलियन की संपत्ति है। कल्पना को पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।

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