दो लफ़्ज़ों की कहानी:
यह फिल्म कल रिलीज हुई है। इसमें इसमें मुख्य किरदार में जेनी (काजल अगरवाल) और सूरज (रणदीप हुड्डा) हैं। इनके अलावा धीरज शेट्टी, यूरी सूरी और ममिक सहायक किरदार में हैं। इसमें जेनी एक अंधी लड़की है जिससे बॉक्सर सूरज को प्यार हो जाता है। इसके बाद अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए काजल की आंखों की रोशनी वापस लाने की कोशिश करता है। ऐसे में ढेर सारे पैसो के लिए सूरज अपनी जान जोखिम में डालने से भी पीछे नही हटता है।
धनक:
फिल्मकार नागेश कुकुनूर की फिल्म धनक काफी चर्चा में है। बच्चों पर आधारित फिल्म यह राजस्थान के एक छोटे से गांव के दो अनाथ बच्चों परी(हेतल गाड़ा) और छोटू(कृष छबरिया) से जुड़ी हुई है। बहन परी अपने अंधे भाई छोटू से वादा करती है कि वह नौ साल के होने से पहले वापस ला देगी। यह फिल्म बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में बेस्ट फिचर फिल्म की श्रेणी में ग्रां प्रिक्स ऑफ जेनरेशन केप्लस इंटरनेशन ज्यूरी से सम्मानित हो चुकी है।
फना:
26 मई 2006 को रिलीज हुई फिल्म फना में आमिर खान और काजोल मुख्य भूमिकाओं में है। इसमें आमिर एक आंतकी और काजोल की भूमिका एक अंधी कश्मीरी लड़की की रही। एक मुलाकात के दौरान काजोल आमिर को अपना दिल दे बैठती है। फिल्म के लगभग सारे गाने भी हिट हुए थे। वहीं फिल्म की कहानी और आमिर-काजोल की एक्टिंग को दर्शकों ने काफी पसंद किया था।
लफंगे परिंदे:
20 अगस्त 2010 में निर्माता आदित्य चोपड़ा और निर्देशक प्रदीप सरकार की फिल्म लफंगे-परिंदे प्रदर्शित हुई थी। इस फिल्म में लीड रोल में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण रही हैं। वहीं उनके अपोजिट अभिनेता नील नितिन मुकेश रहे हैं। इसमें नंदू (नील नितिन मुकेश) और पिंकी (दीपिका पादुकोण) की प्रेम कहानी भी है जो दोस्त से प्रेमी बन जाते हैं। दीपिका इसमें एक ब्लाइंड डांसर और नील एक स्ट्रीट फाइटर के किरदार में रहें।
स्पर्श:
नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी अभिनीत फिल्म स्पर्श आज भी लोगों के जेहन में बसी है। इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह एक अंधे टीचर के किरदार में रहे हैं। वहीं शाबाना आजमी उन्हें अपना दिल दे बैठती है। बेहद संवेदनशील और मैच्चोर लवस्टोरी वाली यह फिल्म 1980 में बनी थी। इस फिल्म का निर्देशन और लेखन का कार्य सई परांजपे ने किया है। इस फिल्म के लिए वह फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार से भी नवाजे गए।
अनुराग:
शक्ति सामंत के निर्देशन फिल्म अनुराग लोगों को आज भी अच्छे से याद है। इसमें 70 और 80 के दशक में अपनी रूमानी अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाने वाली अभिनेत्री मौसमी चटर्जी रहीं हैं। 1972 में प्रदर्शित इस फिल्म में उनके अपोजिट विनोद मेहरा थे। करियर की शुरुआती फिल्म में मौसमी चटर्जी ने अंधी लड़की का किरदार निभाया था। यह फिल्म इतनी इतनी हिट रही कि मौसमी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किया गया।
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