ओटीपी मेकनिज्म
सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी होता है कि ये फॉर्म कितने प्रकार के होते हैं और ये किस हिसाब से भरे जाते हैं। इस बार इन फार्म के प्रारूप में काफी बदलाव किए गए है। अगर यह नहीं पता होगा तो यह साधारण सा काम काफी कठिन हो जाता है। जी हां केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के तहत ITR फॉर्म 1, 2, 2A और 4S फॉर्म प्रमुखता से भरे जा रहे हैं। इसके अलावा अगर आपकी इनकम डिडक्शन के बाद भी 5,00,000 से ज्यादा है या आप रिफंड चाहते हैं तो आपको अब आधार ओटीपी मेकनिज्म का इस्तेमाल करना होगा।
फार्म विवरण
फॉर्म-1 वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशन कर्मियों को भरना होता है। इस फॉर्म को भरने वाले के पास एक से अधिक मकान से आय नहीं होनी चाहिए। फॉर्म-2 इस फॉर्म को बिजनेसमैन नहीं भर सकते हैं।फॉर्म-2A को बिजनेसमैन और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) भर सकते हैं। हालांकि, जो बिजनेसमैन विदेशों में प्रॉपर्टी रखते हैं वे इसे नहीं भर सकते हैं।फॉर्म- 4S इस फॉर्म को अब सिर्फ वो लोग भर सकते हैं जिनकी सालाना इनकम 1 करोड़ रुपए से कम हैं। जब कि पहले ऐसा नहीं था।
साइट पर रजिस्ट्रेशन
ऑनलाइन रिटर्न भरने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसमें सबसे पहले से रजिस्टर्ड यूजर अपनी आईडी और पासवार्ड डालकर लॉगइन करना होता है। अगर आप साइट आयकर विभाग की साइट पर रजिस्टर्ड नहीं हैं तो आप अपना पैन नंबर, जन्म तिथि, नाम, ईमेल आईडी पासपोर्ट और मोबाइल फोन नंबर देकर आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जब कि पहले यह सिर्फ पैन कार्ड आदि से ही काम चल जाता था। इस साल पासपोर्ट डिटेल देना भी जरूरी हे।
बैंक एकाउंट डिटेल
इस बार बैंक खातों की डिटेल्स जैसे बैंक का नाम, आईएफएस कोड, बैंक खाता नंबर, यह बचत खाता है या चालू, बताना अनिवार्य हैं। आपकों उस खाते को भी चुनना होगा जिसमें रिफंड क्रेडिट किया जाएगा, भले ही आपको रिफंड मिल रहा हो या नहीं। अगर टैक्स रिटर्न में दर्ज आपका नाम पैन रेकॉर्ड्स से मैच नहीं खाएगा तो इस साल टैक्स डिपार्टमेंट आपके टैक्स रिटर्न को स्वीकार नहीं करेगा।
तीन पेज का फॉर्म
इसके बाद रजिस्ट्रेशन करते ही आपके सामने एक लगभग तीन पेज का फॉर्म आएगा। इस फॉर्म के पार्ट1 में आपको अपने से जुड़ी सभी जानकारी देनी होगी। जैसे, नाम, पैन नंबर, जन्म तिथि, इनकम टैक्स सर्किल, पत्राचार का पता आदि। इन चीजों को आपको काफी बारीकी से देना होगा। इस फॉर्म के पार्ट2 में आय का ब्योरा देना होगा। आप अपनी आय को इसमें अंकों में भर दे। अब आपकों इसकी हार्ड कॉपी देने की जरूरत नहीं है। फॉर्म के पार्ट3 टैक्स छूट और कर योग्य कुल आय का विवरण देना होगा।Hindi News from Business News Desk
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