इस हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए हैं. असाइब अहल अल-हक़ पार्टी की रैली में ये हमला हुआ.
यह हमला तब हुआ है जब इराक़ में संसदीय चुनाव होने में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है.
इराक़ 2008 के बाद से सबसे अधिक अस्थिरता से गुज़र रहा है.
इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) की एक विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह हमला उसी ने करवाया है. लेकिन इस ख़बर की पुष्टि नहीं हो पाई है.
'तीन बम धमाके'
बग़दाद में बीबीसी के संवाददाता नाहिद अबुज़ैद ने बताया कि रैली में तीन बम धमाके हुए.
पहले दो धमाके ट्रकों में हुए जबकि तीसरा धमाका सड़क के किनारे हुआ.
असाइब अहल अल-हक़ को ईरान का समर्थन प्राप्त है. यह दल सार्वजनिक तौर पर सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करता है.
बीबीसी संवाददाता ने बताया कि ऐसा लगता है कि दोनों देशों के सुन्नी समूह इस पार्टी के विरोधी हो गए हैं.
अल-हक़ के वरिष्ठ नेता वहाब अल-ताई ने इस हमले के बाद कहा, "यह एक निरशाजनक क़दम है और यह हमें आगे बढ़ने और चुनौती देने से नहीं रोकेगा. वह हमें एक संदेश देना चाहते थे और उन्होंने दिया. लेकिन इससे हम भटकेंगे नहीं."
इस रैली को मुस्लिम धर्मगुरु शेख क़ैस अल-ख़ज़ाली ने संबोधित करते हुए कहा, "हम देश को बचाने के लिए तैयार हैं. सबको यह जानने दीजिए कि असाइब ही हल है."
2011 में अमरीका द्वारा अपने सुरक्षा बल वापस बुला लेने के बाद अगले बुधवार को देश में पहली बार चुनाव होंगे. 328 संसदीय सीटों के लिए 9000 से अधिक उम्मीदवार अपना भाग्य आज़मा रहे हैं.
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